आवाज़ ए हिमाचल
विपुल महेंद्रू, चंबा
06 जून । पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से पूर्व हरेक मरीज व तीमारदार के लिए कोविड टेस्ट की अनिवार्यता का अब विरोध शुरु हो गया है। लोग इस व्यव्स्था को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से नाराज हैं और इस व्यवस्था में बदलाव को लेकर मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज चम्बा में यदि कोई व्यक्ति गंभीर अवस्था में आता है तो उसका व उसके साथ आए तीमारदार को पहले कोविड टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है जोकि गलत है। इससे मरीजों व तीमारदारों को अनावश्यक परेशानियों से झूझना पड़ रहा है।
यहां तक कि वैक्सीन लगवाने से पूर्व भी कोरोना टेस्ट करवाने को कहा जा रहा है। उन्हें इलाज करवाने से पूर्व टेस्ट करवाकर रिपोर्ट लेने के लिए करीब आधा घंटा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, केवल चिकित्सक से दवा दोहराने वालों को भी अपना टेस्ट करवाना पड़ रहा है। शहर के बुद्धिजीवी वर्ग की मानें तो अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मेडिकल कॉलेज चम्बा में उपचार करवाने के लिए पहुंचने से भी गुरेज करने लगे हैं और निजी अस्पतालों व क्लिनिकों सहित मेडिकल स्टोर की दवाओं पर निर्भर हो गए हैं। ऐसे में इस व्यवस्था के परिणाम घातक सिद्ध हो सकते हैं।
लोगों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन से मांग की है कि कोविड टेस्ट की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उपायुक्त चम्बा डीसी राणा ने कहा कि समस्या ध्यान में लाई गई है। इस व्यव्स्था में बदलाव करने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब वैक्सीन लगवा चुके लोगों और एक सप्ताह पूर्व कोरोना जांच करवा चुके लोगों के टेस्ट नहीं किए जाएंगे। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे लक्षण नजर आने पर स्वेच्छा से अपना टेस्ट करवाएं ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।