आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
20 मई।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार को ब्लैक फंगस से चौकन्ना रहने की बड़ी आवश्यकता है। समय रहते प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ मंत्री व स्वास्थ्य सचिव को इस विषय पर सोचना चाहिए और इसके लिए पहले से अलग इसोलेशन सेंटर बनाने चाहिए। क्योंकि कोरोना मरीजों में होने वाली दूसरी खतरनाक बीमारी म्यूकर मायकोसिस (ब्लैक फंगस) ने लोंगो की चिंताएं बढ़ा दी है। हालांकि प्रदेश में अभी तक इस संदर्भ में कोई मामला आया नहीं है लेकिन जिस तरह से अन्य राज्यों के ब्लैक फंगस को लेकर समाचार आ रहे है तो हिमाचल प्रदेश में भी इसके आने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसे लेकर राज्य सरकार को भी अलर्ट हो जाना चाहिए। प्रदेश सरकार को सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों को इस बीमारी से बचने के लिए आवश्यक एहतियात तथा उपचार को लेकर जारी एडवाइजरी भेजनी चाहिए और अनुपालन के निर्देश भी दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जानकारों के अनुसार, ब्लैक फंगस का सबसे ज्यादा खतरा मधुमेह के मरीजों को रहता है और मधुमेह के रोगियों की संख्या हिमाचल प्रदेश में भी कम नहीं है। अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों, स्टेरॉयड के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने तथा लंबे समय तक वेंटिलेटर में रहने तथा वोरिकोनाजोल थेरेपी से इस फंगस का संक्रमण हो सकता है जबकि आइसीएमआर ने कोरोना मरीजों को सलाह दी है कि वे ब्लैक फंगस के लक्षणों पर नजर रखें तथा इसकी अनदेखी न करें, तो इसकी अनुपालना प्रदेश सरकार को भी करनी चाहिए और फंगस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए जांच की भी सलाह तुरंत दी जानी चाहिए। साथ ही लक्षण होने पर चिकित्सक से परामर्श करना बड़ा आवश्यक है और इसके लक्षण मिलने पर स्टेरॉयड की मात्रा कम करने या इसे बंद करने का भी सुझाव दिया गया है देश के जानेमाने चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक भी इस मसले पर यही बात कह चुके हैं, तो प्रदेश सरकार को इस विषय पर तुरत सोच कर अभी से निपटने के लिए योजना बनानी होगी