आवाज ए हिमाचल
10 मई। राजस्थान में कोरोना महामारी का कहर प्रतिदिन बढ़ता जा रही है। राज्य के भरतपुर जिले में भी तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस बीच राजस्थान के भरतपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोरोना महामारी में जब सरकारी अस्पताल में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है, उस समय में पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटर को ‘नॉन-यूज’ का हवाला देते हुए जिंदल अस्पताल को 20 वेंटिलेटर किराए पर दे दिए हैं। जिंदल प्राइवेट हॉस्पिटल है। पीएम केयर फंड्स से मिले सरकारी वेंटिलेटर्स को प्राइवेट हॉस्पिटल्स को किराए पर दिए जाने की जानकारी पर भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ट्वीट कर राजस्थान सरकार पर सवाल उठाया है।
राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि कोरोना आपदा के समय राजनीति करना अच्छी बात नहीं है पर राजस्थान में दिन- दहाड़े कोरोना मरीजों को लुटा जा रहा है। राजस्थान में पीएम केयर्स फंड से आए वेंटिलेटर का गलत उपयोग हो रहा है। यह वेंटीलेटर या तो डिब्बों में बंद पड़े हैं या निजी अस्पतालों में पहुंच गए हैं- जहां उनके इस्तेमाल के लिए आपको लाखों रुपये चुकाने होंगे। भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ट्वीट कर कहा कि पीएम केयर्स फंड द्वारा 10 वेंटिलेटर भेजे गए। राजस्थान में पीएम केयर्स फंड से आए वेंटिलेटर को क्या सरकारी वेंटिलेटर निजी अस्पताल को किराये पर देना सही है? और अगर नहीं तो राजस्थान सरकार को जगाइए ।
जानकारी हो कि अस्पताल में आए एक मरीज के परिजन ने बताया कि पीएम केयर्स फंड द्वारा 40 वेंटिलेटर प्रदान किए गए। मैं पिछले दो महीनों से अस्पताल प्रशासन से पूछ रहा हूं कि वेंटिलेटर कहां लगाए गए हैं? लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं है। जिंदल अस्पताल जो हमेशा विवादों में रहा है, 10 वेंटिलेटर हैं। जिंदल अस्पताल इन वेंटिलेटर के लिए 35,000-40,000 रुपये चार्ज कर रहा है।’वहीं अस्पताल प्रशासन ने कहा कि ‘गैर आईसीयू वार्डों में 20 वेंटिलेटर रखे गए हैं, जबकि 20 को कोविड वार्डों के लिए रखा गया है। हमारे ऑक्सीजन प्वाइंट उपलब्धता और कैसलोएड के अनुसार हम 20 वेंटिलेटर का उपयोग करने में सक्षम नहीं थे। इसलिए, हमने इसे निजी अस्पताल को किराए पर देने का निर्णय लिया।’
राजस्थान में सोमवार सुबह पांच बजे से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान रोडवेज व प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहेगा। एक से दूसरे जिले में आवाजाही भी बंद रहेगी। किराना और दूध की दुकान सुबह छह से 11 बजे तक खुलेगी। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस भी बंद रहेंगे। राजस्थान में 10 से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था।