आवाज़ ए हिमाचल
..अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
08 नवंंबर।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने कहा कि चार साल पहले आज ही के दिन नोटबंदी हुई थी जो कि भारत के इतिहास का सबसे बड़ा मूर्खता पूर्ण फैसला था। उसी दिन से इस देश के सत्यानाश की कहानी शुरू हो गई।
कई तरह के दावे हुए कि आतंकवाद खत्म ही जायेगा, काला धन खत्म हो जाएगा, लेकिन प्रभाव इसके ठीक विपरीत हुए। बेरोजगारी बढ़ गई, नौकरियां चली ये देश में दो करोड़ से छोटे बड़े और मझोले उद्योग बंद हो गए। आम लोगों का रोजगार खत्म हो गया,जिसको यह काला धन बोला गया वह असंगठित क्षेत्र की पूंजी थी और उससे देश में अस्सी प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला हुआ था लेकिन एक दुःखद बात यह हुई कि एक मूर्खतापूर्ण फ़ैसले को भी सही ठहराया गया।
बड़े और कड़े निर्णय लेने की सनक का भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत गहरी क़ीमत चुकानी पड़ी रह है। होता यह था कि एक व्यवसायी जो पूंजी लगा कर जो मुनाफा कमाता था, उसका कुछ हिस्सा बचा कर फिर से व्यवसाय में लगा देता था फिर उस पैसे से उत्पादन बढ़ता था, रोजगार बढ़ता था और जब रोजगार बढ़ता था तब कंजम्पशन भी बढ़ती थी लेकिन वह नोटबंदी से सारी प्रक्रिया ही रुक गई और उधोग बंद तो रोजगार लगभग खत्म ही हो गया।
दशकों की मेहनत एक रात के फ़ैसले से तबाह हो गई। उन्होंने कहा कि हफ़्तों लोग लाइन में लगे रहे। लोगों के घर में पड़े पैसे बर्बाद हो गए।सभी को एक लाइन से काला धन करार दिया गया और काला धन कहीं और के लिए बच गया। उसके लिए बना इलेक्टोरल फंड। जिसमें पैसा देने वाले का नाम गुप्त कर दिया गया। उस वक्त इस फ़ैसले को सबसे बड़ा फ़ैसला बताया गया मगर अपनी मूर्खता की तबाही देख सरकार भी भूल गई। मोदी जी तो नोटबंदी का नाम नहीं लेते है।
मिला क्या उस फ़ैसले से ? राम लाल ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी कर लघु व छोटे उद्योगों की कमर तोड़ दी। हिन्दू मुस्लिम नफ़रत के नशे में लोग नहीं देख सके कि असंगठित क्षेत्र में मामूली कमाने वाले लोगों की कमाई घट गई। उनका संभलना हुआ नहीं कि जीएसटी आई और फिर तालाबंदी। तीन चरणों में अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देश को बेरोज़गारी की आग में झोंक दिया। लाखों करोड़ों घरों में आज उदासी है।
भारत को संभावनाओं का देश बनाने की जगह कपोर-कल्पनाओं का देश बना दिया। युवाओं की एक पूरी पीढ़ी बर्बाद हो गई।