आवाज़ ए हिमाचल
28 अप्रैल।हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते शादियां और अन्य समारोहों के आयोजनों में सामुदायिक भोज यानी धाम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थान स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के लिए और मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 10 मई तक बंद रहेंगे। सरकारी कार्यालय में पांच कार्य दिवस होंगे।
पहले की तरह ही 10 मई तक कार्यालयों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति रहेगी। शादियों में मात्र 20 लोग ही शामिल होंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार को शिमला में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में ये निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से भी अनौपचारिक बातचीत की। सीएम ने कहा कि अभी पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है।
हालांकि, ऐसे तमाम मसलों पर मंत्रियों, विधायक दल और लोगों की राय लेकर ही कोई निर्णय होगा। वैक्सीन लगाने के लिए वर्तमान में 1200 केंद्र हैं, 1000 और बढ़ाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए कई कठोर निर्णय लिए हैं। सरकार ने विवाह और अन्य सामाजिक आयोजनों में केवल 20 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में ज्यादा कोविड प्रभावित जिलों कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, ऊना और सिरमौर के अस्पतालों में बिस्तर क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। सैंपल लेने के कार्य में तेजी लाई जाएगी। बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों पर निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा। प्रदेश में कोविड-19 के मामलों पर निगरानी के लिए चार कमेटियों का गठन किया गया है। लॉजिस्टिक कमेटी में राज्य इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन के प्रबंधक निदेशक अरिंदम चौधरी को संयोजक सदस्य नियुक्त किया है।
सीएम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से खाली 5000 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर और 3000 बी-टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी न हो। सीएम ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
सीएम ने कहा कि अब निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेंटर के लिए इस्तेमाल लिया जाएगा। विवेकानंद ट्रस्ट के अस्पताल समेत कई अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में 50 प्रतिशत से ज्यादा बेड कोविड मरीजों के लिए रखे जाएंगे। पपरोला आयुर्वेदिक कॉलेज में दो फ्लोर कोविड मरीजों के उपचार के लिए होंगे। यहां 200 बेड कैपेसिटी होगी। कांगड़ा में बेड की क्षमता 1000 तक बढ़ाई जाएगी।