आवाज़ ए हिमाचल
29 अप्रैल। प्रदेश भर में सरकारी स्कूलोें के ऑनलाइन स्टडी के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक के जो परिणाम सामने आए हैं जिस से शिक्षा विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। जिलों से आए रिजल्ट के बाद समग्र शिक्षा विभाग की आकलन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पहली से आठवीं तक के 26 प्रतिशत छात्र ही ए ग्रेड ले पाए। वहीं 30 प्रतिशत छात्रों ने बी ग्रेड हासिल की। इसी के साथ सी ग्रेड लेने वाले छात्र 13 प्रतिशत व चार प्रतिशत छात्रों को ई ग्रेड मिली है। भले ही पहली से आठवीं तक के छात्रों को प्रोमोट कर दिया है, लेकिन प्रोमोट होने के बाद भी उनका पिछली कक्षाओं का सिलेबस क्लीयर नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि कोविड की वजह से छात्रों को मजबूरन ऑनलाइन पढ़ाना पड़ रहा है।
ऑनलाइन स्टडी की वजह से छात्रों के समझने की क्षमता कम हो गई है। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन स्टडी से छात्रों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर तीन घंटे में कैसे पेपर कवर करना है। इसी के साथ ज्यादातर छात्र हिसाब के विषय में पिछड़ रहे हैं। बता दें कि कोविड ने ऑनलाइन स्टडी का जरिया तो दे दिया, लेकिन इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। हर साल शिक्षा की गुणवत्ता का दावा करने वाली सरकारी घोषणाओं की भी पोल खुलने लगी है। हालांकि हर घरपाठशाला, जीओ टीवी, व्हाट्स ऐप गु्रप पर छात्रों की पढ़ाई का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में जिन अभिभावकों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उन छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यही वजह है कि पिछले माह लिए गए छात्रों के परीक्षाओं के रिजल्ट कुछ और ही बयां कर रहे हैं। कोविड की वजह से पढ़ाई में छात्रों के गिरते स्तर को लेकर अभिभावक चिंतित हो गए हैं।
पहली से आठवीं तक का परिणाम
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पहली से पांचवीं तक के 35 प्रतिशत छात्रों ने ए ग्रेड लिया है। वहीं 34 प्रतिशत छात्रों को बी, सी ग्रेड लेने वाले 22 प्रतिशत छात्र, डी ग्रेड लेने वाले सात प्रतिशत और ई ग्रेड लेने वाले एक प्रतिशत छात्र हैं। छठी से आठवीं तक समग्र शिक्षा विभाग की ओर से तैयार रिजल्ट में खुलासा हुआ है कि मात्र 18 प्रतिशत छात्र ही ए गे्रड ले पाए हैं। 26 प्रतिशत छात्रों को बी, 29 फीसदी को सी, 19 फीसदी को डी, वहीं सात फीसदी छात्रों को ई ग्रेड मिला है।