आवाज ए हिमाचल
28 अप्रैल। तेजी से फैलती कोरोना महामारी के बीच मंगलवार रात राजस्थान के दो जिलों में 7 मरीजों की मौत हो गई। जयपुर के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होेने से 4 मरीजों की मौत हो गई। एक दर्जन से अधिक मरीजों की तबीयत बिगड़ने लगी। अचानक हुई मौतों से घबराए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ अस्पताल से फरार हो गए। अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
अस्पताल जयपुर के ग्रामीण इलाके में होने के कारण उच्च अधिकारियों को देर रात इस घटनाक्रम की सूचना मिली। सूचना मिलने पर पुलिस एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया। रात 3 बजे तक मरीजों को शिफ्ट करने का सिलसिला जारी रहा। परिजन बुधवार सुबह तक हंगामा करते रहे।
पुलिस अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद उन्हे शांत कराया। मृतक परिजनों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिए गए। कोविड़ गाइडलाइन के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा गया। जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है, यदि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही रही है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। यह घटना जयपुर हाथोज गांव स्थित कोनिक्स खंडाका अस्पताल में हुई। प्रशासनिक की प्रारंभिक जांच एवं मृतकों के परिजनों के अनुसार अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी थी। सिलेंडर खाली पड़े थे।
अस्पताल के प्रशासक सुधीर व्यास ने कहा कि चारों मरीजों को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। इसी तरह बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 3 मरीजों की मौत हुई। ऑक्सीजन की कमी से तड़पते हुए मरते मरीजों का बुधवार सुबह इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं होने की बात कही। इस मामले में सफाई देते हुए अस्पताल अधीक्षक डॉ.परमिंदर सिंह ने कहा कि जिन 3 मरीजों की मौत हुई है, उनकी स्थिति पहले से गंभीर थी। वे वेंटिलेटर पर थे। ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात गलत है।