आवाज ए हिमाचल
20 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में कोविड काल में करोड़ों रुपये के फूल कारोबार पर संकट मंडरा रहा है। पिछला साल भी फूल उत्पादकों के ठीक नहीं रहा था। सोलन में फूल तैयार हो गए हैं। 150-200 रुपये प्रति बंच बिकने वाला कारनेशन फूल इस बार दिल्ली में 30 से 50 रुपये तक बिक रहा था। दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद फूल उत्पादकों की चिंता और बढ़ गई है। पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के कारण करोड़ों रुपये के फूल पशुओं का चारा बन गए थे। सोलन में अधिक संख्या में फूलों की खेती होती है। चायल, सोलन, डांगरी समेत अन्य क्षेत्रों में मार्च के अंतिम सप्ताह में पुष्प उत्पादन शुरू हो गया था। फूल दिल्ली की मंडियों में पहुंचाया जा रहा था। पहले ही फूलों के दाम उत्पादकों को बहुत कम मिल रहे हैं। अब दिल्ली में लॉकडाउन लग जाने के बाद उत्पादक फिर से चिंतित हो गए हैं।
सोलन का फूल काफी मशहूर है। यहां लोग बड़ी संख्या में गुलाब, गेंदा, बेला जैसे फूलों की खेती करते हैं। पिछले वर्ष लॉकडाउन में कोई खरीदार न मिलने के कारण फूल पशुओं का चारा समेत खेतों में ही सड़ गए थे। वहीं इस बार अप्रैल माह में शादी के सीजन से फूल उत्पादकों को अच्छे कारोबार की उम्मीद थी। फूलों की भारी खपत शादियों में होती है।
नहीं हो रहा दवाई और खाद का खर्च भी पूरा
जिला सोलन चायल के फूल उत्पादक दिनेश कुमार, अशोक वर्मा, गगनदीप, सुशील वर्मा, विकुल वर्मा संजीव कुमार सुनील ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी फूलों को तैयार करने का खर्चा पूरा करना भी मुश्किल हो गया है। खाद, दवाइयों की दाम भी बढ़ गए हैं। वहीं अब दिल्ली में लॉकडाउन के कारण उत्पादकों को नुकसान झेलना पड़ेगा। मार्च माह से फूल दिल्ली के भेजना शुरू कर दिया था। इसमें 250 से 200 रुपये तक बिकने वाला एक बंच इस बार 30 से 40 रुपये बिक रहा था।