सिविल अस्पताल सुंदरनगर में कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला की सीजेरियन डिलीवरी करवाई गई, कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

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आवाज ए हिमाचल

20 अप्रैल। सिविल अस्पताल सुंदरनगर में एक कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला की सीजेरियन डिलीवरी करवाई गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के कटघेरे में आ गई है। इससे अस्पताल में अन्य आपरेशन की प्रक्रिया भी आगामी 22 अप्रैल तक के लिए बंद हो गई है। जब सरकार ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से डेडिकेटेड अस्पताल और सेंटर स्थापित किए गए है और वहां पर बाकायदा अलग से चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ की फोर्स तमाम सुविधाओं के साथ तैनात की गई है, तो सिविल अस्पताल सुंदरनगर में गर्भवती महिला की डिलीवरी करवाने का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने इतनी बड़ी लापरवाही को अंजाम दे डाला है।

जिस वार्ड में गर्भवती महिलाओं को दाखिल किया गया था। वहां से लेकर ओटी तक लाने व ले जाने के लिए जो स्टाफ तैनात किया गया था। ऐसे में कोरोना के संक्रमण की जद में आम जनता भी सीधे तौर से संपर्क में आ सकती है। बताया जा रहा है कि उक्त महिला की डिलीवरी करवाने के लिए जोनल अस्पताल मंडी, मेडिकल कालेज नेरचौक से लेकर बीबीएमबी कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में डिलीवरी के लिए संपर्क साधे, लेकिन उक्त जगहों पर डिलीवरी नहीं करवाई गई। अंततः भले ही सिविल अस्पताल सुंदरनगर प्रबंधन वर्ग ने मानवता का परिचय देते हुए कोरोना पॉजिटिव महिला की ओटी में डिलीवरी करवाई। इसके चलते सुंदरनगर अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ आपातकालीन सेवा के लिए मौके पर तैनात की गई थी, लेकिन जो स्टाफ एंबुलेंस में गर्भवती महिला को लेकर लेकर आया।

उनके सहयोग से ही चिकित्सकों की टीम ने एक कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला की सफल सीजेरियन डिलीवरी करवाई। उसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है। डिलीवरी करवाने के बाद जच्चा और बच्चा को बीबीएमबी कोविड डेडिकेटड अस्पताल सुंदरनगर में शिफ्ट किया गया है। सिविल अस्तपाल सुंदरनगर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. चमन सिंह ठाकुर का कहना है कि आला अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के बाद अस्पताल की ओटी में कोरोना पॉजिटिव महिला की डिलीवरी करवानी पड़ी। जबकि यह व्यवस्था कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में होनी चाहिए। इसके चलते 22 अप्रैल तक ओटी बंद रहेगी। दो स्टाफ  के कर्मियों को भी इस कार्य को अंजाम देने के लिए ओटी में मदद करने के लिए भेजा गया है। जबकि अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ को मौके पर आपातकाल सेवा के दौरान तैनात किया गया था।

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