आवाज ए हिमाचल
20 अप्रैल। संगठित अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में राज्य पुलिस ने पहल की है। पहली बार हिमाचल में एंटी मनी लॉड्रिंग सेल गठित किया है। इसका गठन प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह पर राज्य पुलिस मुख्यालय में किया है। यह सभी जिलों से अपराधों की सूचना एकत्र करेगा। इसका विश्लेषण कर इसे कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास भेजेगा। ईडी मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। आरोपितों की काली कमाई से अर्जित की गई संपत्ति भी अटैच हो सकेंगी।
इसमें तय हुआ कि नए सेल संगठित अपराधों जैसे ड्रग्स की तस्करी, अवैध खनन, वन्य प्राणी की तस्करी, आबकारी अधिनियम, भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट, फर्जी डिग्री मामलों की सूचना एकत्र करेगा। इस सूचना और डाटा का विश्लेषण करेगा। इसके आधार पर इसे कारवाई के लिए ईडी के पास भेजेगा। पाक्षिक आधार पर सूचनाएं साझा की जाएगी। इसका मकसद है कि संगठित अपराधों पर चौतरफा कार्रवाई हो सकें।
मनी लॉड्रिंग के एंगल से होगी जांच
बड़े मामलों में क्रीमिनल पहलुओं को तो हिमाचल पुलिस ही जांचेगी। लेकिन ईडी मनी लॉड्रिंग एंगिल की जांच करेगी। ठीक वैसे ही जैसे फर्जी डिग्री मामले में हुआ है। इसकी जांच सीआइडी की एसआइटी के पास है। इनमें ईडी भी जांच कर रही है। इसे भी एसआइटी की ही हिस्सा बनाया गया है। इसके सार्थक नतीजे भी सामने आ सकेंगे।
सेल के मुखिया डीजीपी
यह सेल डीजीपी संजय कुंडू की अध्यक्षता में गठित किया गया है। मंडी, कुल्लू, ऊना जैसे कई जिलों के एसपी को इसमें शामिल किया गया है। एसपी रैंक की अधिकारी रंजना चौहान को सेल का सचिव बनाया गया है।