आवाज़ ए हिमाचल
15 अप्रैल। फर्जी डिग्री मामले में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिक राज कुमार राणा के बाद विदेश में छिपे उसके परिवार के सदस्यों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीआईडी की सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने राणा की पत्नी और बेटा-बेटी का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। इससे सीआईडी को बड़ी सफलता मिली है। अब तीनों सिर्फ एक बार ही भारत वापस आने के लिए उस पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सकेंगे। आरोप है कि राणा ने लाखों फर्जी डिग्रियां बेचकर तीनों के नाम करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी थी।
तीनों के नाम पर पासपोर्ट जब्त होने के साथ ही अब विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया में छिपे परिजनों को भारत प्रत्यर्पण के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार से संपर्क साध लिया है। सूत्रों का कहना है कि अगले दो महीने में राणा का परिवार भारत आ सकता है। इससे पहले शुरुआती दौर की जांच के बाद भारत से न भागने देने के लिए सीआईडी ने विदेश मंत्रालय से राज कुमार राणा का पासपोर्ट कैंसल करा दिया था।
दरअसल, 43 सौ करोड़ से ज्यादा के टेक्नोमैक घोटाले के मुख्य आरोपी आरके शर्मा को भारत लाने के लिए शुरू किए गए प्रयासों से मिली सीख का सीआईडी ने इस बार इस्तेमाल किया है। शर्मा के ठिकाने के बारे में जांच एजेंसी को जानकारी नहीं थी, जबकि इस बार राणा के परिवार के ऑस्ट्रेलिया में होने के बारे में उसे पता था। फर्जी डिग्री मामले में राणा की पत्नी, बेटी और बेटे के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया और फिर उसकी मदद से आरोपियों के पासपोर्ट जब्त करा लिए।
अब आरोपियों के पास सिर्फ विदेश मंत्रालय में अपील करने का रास्ता बचा है। हालांकि अपराध में गंभीर भूमिका के चलते वहां भी उनको राहत मिलना मुश्किल है। उनके भारत पहुंचते ही न सिर्फ तीनों कोर्ट में पेश किए जाएंगे, बल्कि फर्जी डिग्रियां बेचकर परिजनों के नाम पर पंजीकृत अवैध संपत्तियों को भी प्रवर्तन निदेशालय की मदद से जब्त किया जाएगा। फिलहाल राणा के नाम पर दर्ज करीब 194 करोड़ रुपये की संपत्तियों को सीआईडी पहले ही ईडी से जब्त करवा चुकी है।