आवाज़ ए हिमाचल
10 अप्रैल।हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नालागढ़ के जोघों में एक प्रवासी महिला के दो बच्चों की पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत हो गई, जबकि एक गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भर्ती है। बताया जा रहा है कि बच्चों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने यू ट्यूब पर नुस्खा देखकर पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।डीएसपी नवदीप सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बदायूं के खजूरिया गांव की राम देवी पत्नी स्व. किशनपाल पिछले सात साल से जोघों में रहकर मजदूरी कर परिवार पाल रही है। महिला की दो बेटियां और एक बेटा था। इनमें एक बेटी और एक बेटे की मौत हो गई, जबकि दूसरी बेटी पीजीआई में भर्ती है। प्रवासी महिला के भतीजे सचिन ने बताया कि बच्चों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने यू ट्यूब पर इसके इलाज के लिए पपीते का काढ़ा बनाकर पीने का नुस्खा देखा था।
इसके बाद बच्चे भी पपीते के पत्ते लाए और कूटकर काढ़ा बनाकर पी लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। तीनों को नालागढ़ अस्पताल लाया जा रहा था कि शिवानी (10) की रास्ते में मौत हो गई। उसके भाई सचिन (18) और बहन खुशबू (14) को बेहोशी की हालत में पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआई में सचिन की भी मौत हो गई, जबकि खुशबू की हालत नाजुक बनी हुई है। फरवरी में महिला के पति किशनपाल की शुगर की बीमारी से मौत हो गई थी।
शिवानी का अंतिम संस्कार जोघों में कर दिया गया, जबकि बेटे का शव पीजीआई से लाकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। उधर, बीएमओ नालागढ़ केडी जस्सल ने बताया कि पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत नहीं हो सकती। औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते पपीते के पत्तों पर जहरीले केमिकल हो सकते हैं। बिना धोए पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से तबीयत बिगड़ सकती है।