आवाज ए हिमाचल
05 मार्च। जयराम मंत्रिमंडल ने हिमाचल की गोल्डन जुबली के अवसर पर आगामी वर्ष के लिए 50 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश करने को मंजूरी प्रदान की है। यह बजट मुख्यमंत्री शनिवार, छह मार्च को विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर कैबिनेट ने कुछ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट में कोविड की मौजूदा स्थिति पर दी गई प्रेजेंटेशन के बाद पारित निर्णय में यह कहा गया कि एक सप्ताह बाद कोरोना की स्थिति की दोबारा समीक्षा की जाएगी। उपायुक्तों को सोशल गैदरिंग, मास्क व सफाई व्यवस्था पर लोगों को जागरूक करने के निर्देश देने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा फेयर प्राइज शॉप खोलने को लेकर प्रस्तावित नई गाइडलाइंस को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है। इसके अनुसार अब हिमाचल में सस्ते राशन की नई दुकानें खोलने के लिए डेढ़ हजार जनसंख्या के स्थान पर एक हजार की आबादी की शर्त होगी। मृतक डिपो होल्डर के परिजन को राशन डिपो देने के लिए अब सरल प्रक्रिया होगी। ऐसे मामलों को अब राज्य सरकार को भेजने की बजाय डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी में जिला स्तर पर निपटा लिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में नए डिपो खोलने के लिए तीन किलोमीटर दूरी की शर्त को घटाकर दो किलोमीटर कर दिया है। इसके अतिरिक्त इस प्रणाली को और भी सरल करने के नई गाइडलाइंस में प्रावधान हैं। मंत्रिमंडल ने आबकारी एवं कराधान विभाग में ईटीओ के चार पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की है।बतातें चले कि मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुछ विधेयकों को सदन में पेश करने के प्रस्तावों पर भी चर्चा थी।
बजट सत्र में बने मौजूदा हालात के चलते हुए कई एजेंडा आईटम इस कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं की गई है। इसी कारण निजी स्कूल फीस के लिए प्रस्तावित संशोधित बिल की आईटम कैबिनेट में नहीं लाई गई। इसी तरह राजस्व संशोधित विधेयकों के प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं लाए गए। बताते चलें कि प्रदेशभर में दोबारा कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर कैबिनेट में गहन चिंतन हुआ। इसके लिए बाकायदा स्वास्थ्य विभाग के सचिव की तरफ से प्रेजेंटेशन भी दी गई। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड पर दोबारा बंदिशें लगाने का फैसला लिया जाएगा। बावजूद इसके बजट सत्र संचालन के चलते कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर हामी नहीं भरी। इसी कारण यह निर्णय लिया गया कि उपायुक्तों को सख्ती करने के निर्देश दिए जाएंगे। इस आधार पर जिला प्रशासन सोशल गैदरिंग, मास्क और सफाई व्यवस्था पर जोर दें। कोरोना बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके बाद एक सप्ताह बाद फिर कोरोना की स्थिति पर समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाएगा।