केंद्र सरकार ने सीएनजी और पीएनजी के लिए हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों सोलन, सिरमौर और ऊना को चिह्नित किया है। इनमें सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन के लिए अडानी-आईओसी के संयुक्त उपक्रम को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इस सिलसिले में कुछ दिन पूर्व संयुक्त उपक्रम के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त डॉ. आरके परूथी से भी मुलाकात की है। कालाअंब और पांवटा साहिब में फरवरी में ही सर्वे किया गया है। अब उद्योगों से इसकी डिमांड मिलना बाकी है। डिमांड मिलने के बाद कंपनी सीएनजी और पीएनजी का कार्य शुरू कर देगी। सीएनजी के तहत वाहनों में डीजल की बजाय गैस का इस्तेमाल होगा। उद्योगों के जेनरेटर में भी इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा। जिला उद्योग प्रबंधक जीएस चौहान ने बताया कि कंपनी ने हाल ही में सर्वे किया है। बद्रीपुर में सीएनजी स्टेशन इसी महीने खुल जाएगा। इसके लिए कंपनी ने निविदाएं भी आमंत्रित की है।
डीजल का विकल्प बनेगी पीएनजी
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष संजय सिंघला, उद्योगपति सुरेंद्र जैन ने बताया कि सीएनजी और पीएनजी डीजल का विकल्प बनेगी। डीजल की अपेक्षा यह सस्ती भी है। लिहाजा, इसका औद्योगिक क्षेत्र में लगने से फायदा होगा। सुरेंद्र जैन के अनुसार डीजल के बजाय सीएनजी और पीएनजी 40 से 50 फीसदी सस्ती है। सिंघला ने बताया कि हरियाणा और दिल्ली की अपेक्षा हिमाचल प्रदेश में इस पर लगने वाला जीएसटी ज्यादा है। जिसे अन्य राज्यों की तर्ज पर ही कम किया जाना चाहिए।