शिमला के निजी शिक्षण संस्थान पर लगा सात लाख रुपये जुर्माना

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

24 फरवरी। विद्यार्थियों को डिग्रियां देने में देरी करने और निर्धारित से अधिक फीस वसूलने पर राजधानी शिमला के निजी शिक्षण संस्थान पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 31 मार्च तक जुर्माना राशि भरने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत ने हैरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टूरिज्म के खिलाफ यह कार्रवाई की है। आयोग के हस्तक्षेप से विद्यार्थियों को तीन साल बाद डिग्रियां भी दे दी गई हैं। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि 592 विद्यार्थियों को प्रोविजनल डिग्रियां दिलाई गई हैं। काफी समय से संस्थान डिग्रियां नहीं दे रहा था। उन्होंने बताया कि संस्थान ने निर्धारित से अधिक फीस वसूली है। मंगलवार को आरोपों पर सुनवाई पूरी होने के बाद कार्रवाई की गई है। कौशिक ने प्रदेश के सभी निजी शिक्षण संस्थानों को नियमों के तहत कामकाज करने की हिदायत दी है।

देना होगा पूरा वेतन
आयोग ने प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि जिन विश्वविद्यालयों ने कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों से पूरी फीस ली है, उन्हें शिक्षकों और गैर शिक्षकों को पूरा वेतन देना होगा। हालांकि, कम फीस लेने वाले विश्वविद्यालय वेतन में कटौती कर सकते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *