आवाज ए हिमाचल
16 फरवरी। डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को एक और झटका लगा है। पेट्रोलियम कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में सीधे 50 रुपए की बढ़ोतरी कर दी है। इसे सोमवार से लागू कर दिया गया है। अब राजधानी शिमला में 14.2 किलोग्राम के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 866 रुपए होगी, जो पहले 816 रुपए थी। गैस सिलेंडर के दाम फरवरी में दूसरी बार बढ़ाए गए हैं। इससे पहले चार फरवरी को बिना सबसिडी वाला सिलेंडर 25 रुपए महंगा हुआ था। यानी फरवरी में ही घरेलू गैस की कीमत में 75 रुपए की बढ़ोतरी की जा चुकी है।दिसंबर में इसके दामों में दो बार 50-50 रुपए की तेजी आई थी। सोमवार को जहां एलपीजी उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लगा है, वहीं पेट्रोल-डीजल खरीदने वालों को लगातार सातवें दिन कोई राहत नहीं मिली। सोमवार को भी प्रदेश में पेट्रोल की कीमत में 28 पैसे प्रति लीटर तक और डीजल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की।
हिमाचल में पेट्रोल और डीजन के सबसे ज्यादा दाम किन्नौर और सबसे कम दाम ऊना में हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जितनी दूर तेल के टैंकर जाएंगे, उतना ही महंगा वहां पर पेट्रोल और डीजल होगा। शिमला में पेट्रोल के दाम 87.16, डीजल के 79.03 रुपए प्रतिलीटर हैं। इसी तरह बिलासपुर में पेट्रोल 85.70 और डीजल 77.79, चंबा में पेट्रोल 86.55 और डीजल 78.51, कुल्लू में पेट्रोल 86.98 और डीजल 78.89, हमीरपुर में पेट्रोल 87.97 और डीजल 80.09, कांगड़ा में पेट्रोल 86.82 और डीजल 77.90, किन्नौर में पेट्रोल 88.43 व डीजल 80.11, लाहुल-स्पीति में पेट्रोल 83.71 व डीजल 76.57, मंडी में पेट्रोल 86.23 व डीजल 78.22, सोलन में पेट्रोल 85.72 व डीजल 77.82, सिरमौर में पेट्रोल 86.56 व डीजल 78.59, ऊना में पेट्रोल 84.98 व डीजल 77.14 रुपए प्रति लीटर मिलेगा। गौरतलब है कि रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम घटते और बढ़ते रहते हैं। ऐसे में एक जैसे दाम रोजाना नहीं होते। वहीं, किन्नौर और ऊना में डीजल व पेट्रोल के दामों में भी काफी अंतर होता है।
ट्रांसपोर्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी
डीजल की बढ़ती कीमतों और उच्च कर का विरोध करते हुए ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा टैक्स की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित कई बातों और वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति आदि पर एआईएमटीसी ने सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो वे देश भर में परिचालन बंद करने को बाध्य होंगे। एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और लगभग 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।