आवाज ए हिमाचल
O8 फरवरी । हिमाचल प्रदेश की आधा दर्जन समेत देश की 56 छावनी परिषदों को दस फरवरी को भंग करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संपदा भवन के कार्यालय के तहत एक फरवरी के सहायक डीजी (कैंट) के पत्र अनुसार छावनी परिषदों को भंग करने के आदेश जारी किए हैं। आदेशों के अनुसार दस फरवरी को चुने हुए परिषद सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा और परिषदें भंग मानी जाएंगी। इसके बाद आगामी एक वर्ष के लिए मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति होगी।
इससे पहले बोर्ड सदस्यों का कार्यकाल कोरोना काल में 10 अगस्त, 2020 को छह महीने आगे बढ़ाया था। इससे पहले पांच फरवरी, 2020 को भी छह महीने का कार्यकाल बढ़ाया गया था। छावनी परिषदों में वर्तमान समय में चुने गए प्रतिनिधियों का कार्यकाल 10 फरवरी, 2020 को खत्म होने जा रहा था। 11 फरवरी, 2020 को देश भर की छावनी परिषदों में नए सदस्यों का चुनाव होना था।
दो बार कार्यकाल बढ़ने के बाद अब 1 फरवरी, 2021 को रक्षा मंत्रालय के डीजी कार्यालय से जारी हुई अधिसूचना के बाद अब चुनाव न करवाकर परिषदें भंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब एक साल के लिए सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा। प्रदेश छावनी वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार सिंगला ने बताया कि छावनी नियमों के अनुसार चुनाव एक वर्ष में दो बार स्थगित होने के बाद अब छावनी बोर्ड को भंग करके आगामी एक वर्ष के लिए किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य नियुक्त किया जा सकता है।
- प्रदेश की छह छावनी परिषदें
हिमाचल प्रदेश में इस समय छह छावनी परिषदें हैं, जिनमें कसौली, जतोग, सुबाथू, डगशाई, डलहौजी और बकलोह शामिल है। योल छावनी परिषद पहले ही बाहर हो चुकी है।