आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 3 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के पुराने तीन रेल प्रोजेक्टों के लिए केंद्रीय बजट से 1685 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। यह प्रदेश के लिए बड़ी राहत है। यह राशि सामरिक महत्व की भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन और दो अन्य परियोजनाओं के लिए जारी हुई है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में अभी विस्तृत और आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन के लिए 1200 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर हुई है। नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन के लिए 335 और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए 150 करोड़ रुपये मिले हैं। यह मालूम रहे कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन को हिमाचल सरकार सामरिक महत्व की बताती रही है। यह 63.1 किलोमीटर लंबी है।
इस रेल लाइन के बनने के बाद इसे अगले चरण में आगे लेह तक जोड़े जाने की योजना है। इसलिए यह सामरिक महत्व की मानी जाती है। सूत्रों के अनुसार इस रेल लाइन के लिए बड़ी रकम का बजट में प्रावधान होने के पीछे यही वजह है। इसी तरह से नंगल-तलवाड़ा और चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन औद्योगिक महत्व की हैं। ये पंजाब और हरियाणा राज्यों के लिए कनेक्टिविटी मजबूत करेंगी। नंगल-तलवाड़ा के लिए नई बड़ी रेल लाइन में 83.74 किलोमीटर और मुकेरियां-तलवाड़ा रेल लाइन में इससे 29.16 किलोमीटर की साइडिंग का अधिग्रहण होगा। चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन 32.23 किलोमीटर लंबी है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर चर्चा यह भी रही कि वास्तव में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन के लिए 1868, नंगल-तलवाड़ा के लिए 335 और चंडीगढ़-बद्दी के लिए 450 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं, लेकिन बजट बुक के सोशल मीडिया पर वायरल पन्ने 1685 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने की सूचना दे रहे हैं।
उधर, केंद्रीय बजट पर प्रदेश सचिवालय में बुधवार को दिन भर मंथन चला। इसमें पर्वतमाला समेत कौन-कौन सी केंद्रीय योजनाएं राज्य सरकार के अपने बजट में शामिल हो सकती हैं, इस पर लंबी मंत्रणा हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में वित्त औैर योजना विभाग के अधिकारियों की यह लंबी बैठक चली। बैठक में वित्त सचिव अक्षय सूद समेत कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय बजट के तमाम दस्तावेजों को खोलकर देखा गया। यह मालूम रहे कि राज्य सरकार के अपने वार्षिक बजट में केंद्रीय योजनाओं का भी एक बड़ा हिस्सा शामिल होता है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विधानसभा के इस चुनावी वर्ष का पांचवां बजट चार मार्च को पेश करने जा रहे हैं। प्रदेश को लक्षित करके अभी तक क्या-क्या मिला है, इस बारे में अभी तक केंद्रीय बजट के दस्तावेजों से पूरी तस्वीर साफ नहीं हुई है।