आवाज ए हिमाचल
14 अक्टूबर।रामपुर उपमंडल की शिंगला पंचायत के शनेरी गांव में देवता जाहरू नाग के नवनिर्मित मंदिर में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए अब एसएफएल की टीम पहुंचेगी। घटना के दूसरे दिन भी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं, देवता जाहरू नाग मंदिर कमेटी आग लगने के कारणों को जानने के लिए सरपारा स्थित जल नाग के मंदिर पहुंची है। यहां कमेटी मंदिर के आग लगने के बारे में देवता से पूछेगी। आग की भेंट चढ़ा यह मंदिर 13 वर्ष में बनकर तैयार हुआ था।लोगों के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कार्य हुआ था। इस पर करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत आई थी। सोमवार को रामपुर के एसडीएम हर्ष अमरेंद्र सिंह ने घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर को ढकने के लिए पांच तिरपाल दिए। इसके अलावा हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। बीते रविवार रात को शनेरी गांव में देवता जाहरू नाग का नवनिर्मित मंदिर आग की चपेट में आने से पूरी तरह जलकर राख हो गया। मंदिर के साथ लगे सीसीटीवी कैमरे में जब घटना को देखा गया, तो पता चला कि मंदिर की छत से यह आग फैली और दस सेकंड में इस आग ने भयानक रूप ले लिया था।मंदिर में लगी लकड़ी पर हुए पॉलिश के कारण आग ने देखते ही देखते चार मंजिला मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया। देर रात तक आग पर काबू पाने का कार्य चलता रहा। अग्निशमन दल और स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद मंदिर के साथ लगते घरों को बचाया। आग की इस घटना के बाद देवता साहिब जाहरू नाग मंदिर कमेटी ने देवता से आग लगने के कारणों के बारे में पूछा।इस पर देवता ने सरपारा स्थित उनके पिता देवजा जाहरू नाग के पास जाने की हिदायत दी है। देवता के आदेशानुसार मंदिर कमेटी के सदस्य सरपारा रवाना हुए हैं। वहीं, शिंगला पंचायत की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। आग लगने के कारणों की छानबीन के लिए मौके पर फोरेंसिक टीम भी बुलाई है। यह टीम शनेरी पहुंचकर आग लगने के कारणों की जांच करेगी।यहां गौर करने वाली बात यह है कि मंदिर में बिजली का कनेक्शन नहीं था। न ही मंदिर में अभी पूजा की जाती थी। मंदिर की प्रतिष्ठा अगले साल अप्रैल में की जानी थी। घटना के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का भी माहौल है। लोग दबी जुबान में आरोप लगा रहे है कि किसी ने आग जानबूझ कर लगाई है। फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता पूरी जांच के बाद ही चल पाएगा। मंदिर में आग लगने बारे पुलिस थाना रामपुर में शिकायत दी गई है। मंदिर कमेटी के सदस्य भी आग लगने का कारण जानने के लिए सरपारा जल नाग के मंदिर गए हैं।सोमवार को मौके का निरीक्षण किया है। पुलिस की ओर से जांच के लिए एफएसएल की टीम बुलाई गई है। प्रशासन की ओर से क्षतिग्रस्त मंदिर को ढकने के लिए पांच तिरपाल उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा हर संभव सहायता भी की जाएगी।