आवाज ए हिमाचल
23 जुलाई। प्रदेश हाई कोर्ट ने दस वर्षों तक बतौर अंशकालिक कार्यकाल पूरा करने वाले याचिकाकर्ता पंचायत चौकीदारों को नियत तिथि से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में परिवर्तित करने के आदेश जारी किए है। हाई कोर्ट ने इस बाबत राज्य सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया है। हालांकि हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता अपनी सेवाओं को नियत तारीख से अंशकालिक से दैनिक वेतन भोगी में बदलने के कारण किसी भी वित्तीय लाभ के हकदार नहीं होंगे, लेकिन नियत तारीख से उनकी वरिष्ठता को नियमितीकरण के उद्देश्य से माना जाएगा। इसका वह बाद में दावा कर सकते हैं।
राज्य सरकार की दलील थी कि पार्ट टाइम चौकीदारों को संबंधित ग्राम पंचायत के कर्मचारी होने के कारण प्रतिवादी सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को दिए जाने वाले सहायता अनुदान में से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है,जबकि न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादी-राज्य सरकार द्वारा जारी सहायता अनुदान से पारिश्रमिक का 90 फीसदी भुगतान किया जाता है और अंशकालिक श्रमिकों की सभी नियुक्तियां सक्षम प्राधिकारी की पूर्व सहमति और अनुमोदन के साथ की जाती हैं। इसलिए यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि उक्त पदों पर कार्यरत व्यक्ति ग्राम पंचायत के कर्मचारी हैं।