आवाज़ ए हिमाचल
बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दीपक अवस्थी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिस तरह से नवनियुक्त होने बाले डॉक्टर समुदाय का एनपीए (नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस) बंद करने का निर्णय लिया है उसे पुनर्विचार करके बहाल करना चाहिए। कोरोना के समय में जैसे हमने देखा है कि कई वरिष्ठ डॉक्टर्स जहां अपने कार्यालय तक सीमित थे उस संकट के समय में इन नवनियुक्त डॉक्टर्स ने अपनी ज़िंदगी की परवाह न करते हुए बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करने का पर्यास किया था।
दीपक अवस्थी ने कहा कि यदि सरकार अपने निर्णय पर अडिग रहती है तो आने वाले समय में आम जनता को इसके भयंकर परिणाम भुक्तने पड़ सकते हैं, क्योंकि अधिकांश डॉक्टर्स सरकारी के साथ-साथ निजी अभ्यास की तरफ़ ध्यान देंगे, जिससे आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाएँ महँगी व मुश्किल से मिलनी शुरू हो जाएंगी। ग़ैर अभ्यास भत्ते को अधिकांश डॉक्टर्स प्रोत्साहन राशि समझ कर पूरी निष्ठा से अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल्य से अनुरोध है कि हिमाचल प्रदेश की जनता के हित में इस निर्णय पुनर्विचार करके इसे यथावत रखें।