आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने 3700 करोड़ के टैंडर रद्द कर दिए हैं। बोर्ड ने ये टैंडर स्मार्ट मीटर और सिस्टम इम्प्रूवमैंट के लिए किए थे। इसके पीछे बोर्ड प्रबंधन ने प्रशासनिक कारण का हवाला दिया है। सूत्रों की मानें तो बोर्ड ने यह कार्रवाई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों पर की है।
जानकारी के अनुसार बिजली बोर्ड केंद्र की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम के तहत प्रदेशभर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर आगे बढ़ रहा था। प्रदेश के लगभग 24 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने पर लगभग 1903 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। वहीं सिस्टम इम्प्रूवमैंट पर 1721 करोड़ रुपए का खर्च प्रस्तावित था लेकिन अब इन टैंडरों को रद्द कर दिया है। वहीं प्रबंध निदेशक बिजली बोर्ड पंकज ढडवाल का कहना है कि कंपनी बोर्ड द्वारा निधार्रित शर्तें पूरी नहीं कर रही थी। इसलिए टैंडर रद्द किए हैं। दोबारा से नए तरीके से टैंडर किए जाएंगे।
10 हजार का मीटर घाटे का सौदा
मुफ्त बिजली वाले कंज्यूमर्स के घर पर लगभग 10 हजार रुपए कीमत का स्मार्ट मीटर लगाने में मुख्यमंत्री सुक्खू को कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा था क्योंकि मीटर रीडिंग का काम 500 रुपए का ऑर्डिनरी मीटर भी कर रहा है। इसके लिए इतने महंगे स्मार्ट मीटर की जरूरत नहीं है।
लिहाजा इसे फिजूलखर्ची मानते हुए टैंडर को रद्द करने को बोला गया है। हालांकि आरडीएसएस स्कीम केंद्र की है। वहीं स्मार्ट मीटर के फायदे जरूर काफी ज्यादा हैं लेकिन मुफ्त बिजली की वजह से यह घाटे का सौदा साबित हो सकते हैं। इस संबंध में अभी हाल में ही बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और फिजूल खर्चे की जानकारी मुख्यमंत्री को दी थी।