आवाज़ ए हिमाचल
25 मार्च। हिमाचल प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का लोगों को लाभ नहीं देने वाले निजी बैंकों से जवाबतलबी की जाएगी। शिमला में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 159वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने बिना तैयारी बैठक में शामिल होने आए निजी बैंक प्रबंधकों को आगाह भी किया। फसल बीमा का क्लेम समय से नहीं देने पर बीमा कंपनियों को लताड़ भी लगाई गई।
बैठक में शामिल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रबंधकों ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं को वे लोग पूरी गंभीरता से लागू कर रहे हैं। निजी बैंकों ने नाममात्र के लिए योजनाओं का लाभ पात्र लोग तक पहुंचाया है। सार्वजनिक बैंकों के प्रबंधकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस कार्य प्रणाली के बावजूद विभिन्न सरकारी विभागों का डिपॉजिट निजी बैंकों में जमा हो रहा है। उन्होंने परफार्मेंस आधार पर डिपॉजिट देने की मांग उठाई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में नामंजूर किए गए मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने बैंकर्स कमेटी और उद्योग विभाग को मिलकर इन मामलों को देखने को कहा। उन्होंने बताया कि अक्तूबर से दिसंबर 2020 की तिमाही में बैंकों ने 21724 करोड़ के नए ऋण दिए हैं। 31 दिसंबर 2020 तक बैंकों की कुल जमा राशि 139214 करोड़ रुपये और अग्रिम राशि 57038 करोड़ रुपये रही। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में दिसंबर तक 3151 मामलों को मंजूरी दी गई। केसीसी योजना में 437399 किसानों ने 8975 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का लाभ उठाया।
पर्यटन क्षेत्र के लिए बैंकों ने होटलों, ढाबों और होम स्टे की मौजूदा इकाइयों को 879 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी। इस दौरान बैंक प्रबंधकों ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान बैंकिंग क्षेत्र के लोगों ने बेहतरीन कार्य किया। कैशलेस बैंकिंग से काफी अधिक संख्या में लोग जुड़े। बैठक में यूको बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ एके गोयल, डीजीएम यूको बैंक एसएस नेगी, आरबीआई के महाप्रबंधक केसी आनंद, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रभारी पीके शर्मा मौजूद रहे।
सेंट्रल बैंक और केनरा बैंक प्रबंधक किए सम्मानित
अटल पेंशन योजना में बेहतर कार्य करने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एसएस माथुर और केनरा बैंक के मनीष कुमार को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।