आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 18 मई। नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारियों को हिमाचल सरकार ने वापस ले लिया है। अभी बागबानी व स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए कर्मियों को वापस लिया गया है, जबकि बाकी विभागों के कर्मचारियों को वापस लेने से संबंधित नोट एसीएस फायनांस के पास पहुंच गया है। ऐसे में बचे हुए आउटसोर्स कर्मचारियों की भी जल्दी वापसी हो सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश के कई विभागों से उन कर्मचारियों को निकाल दिया गया था, जिनके साथ करार समाप्त हो गया था। हालांकि सरकार ने यह आश्वासन दिया था कि पॉलिसी के फ्रेम होने तक उनको निकाला नहीं जाएगा। ऐसे में अब सरकार हरकत में आ गई है और उन कर्मचारियों को वापस ले लिया गया है।
बागबानी विभाग में 36 सर्वेयर, 11 जेडीएम, 21 ड्राइवर जिन्हें होर्टिकल्चर विभाग से निष्कासित किया गया था और स्वास्थ्य विभाग में चंबा मेडिकल कालेज से भी जिन कर्मचारियों की नौकरी पर बन आई थी, उनको भी वापस ले लिया गया है। दूसरी ओर आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी तैयार करने को गठित की गई कैबिनेट सब कमेटी के पास हरियाणा की आउटसोर्स पॉलिसी के दस्तावेज भी आ चुके हैं।
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कैबिनेट सब कमेटी की ओर से आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी का ड्राफ्ट जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा।
उधर, आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा महासंघ को विधानसभा में नौकरी पर यथास्थिति बने रहने के मिले आश्वासन के बाद सरकार इस पर गंभीर है और स्थायी नीति भी बना रही है। मंगलवार को महासंघ ने हरियाणा का पॉलिसी डाक्यूमेंट सब कमेटी अध्यक्ष कार्यालय में उनके कहे अनुसार जमा करवा दिया और सब कमेटी अध्यक्ष द्वारा भी हरियाणा सरकार से यह पॉलिसी डाक्यूमेंट ले लिया गया था।
सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर गंभीर दिखी और निकाले हुए कर्मचारियों कि वापसी करवा रही है। इस कैबिनेट में यह पॉलिसी जानी संभावित है। उन्होंने सरकार से चंबा के अस्पिरेशनल प्रोग्राम को उचित बजट का प्रावधान करने का भी आग्रह किया है, ताकि 28 स्टॉफ नर्सेज और 12 लैब टेक्निशियन कि नौकरी की सुरक्षा की जा सके और साथ ही साथ स्थानीय लोगों को भी उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहे।