आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय व दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए नई नीति बनाने की तैयारी है। इसके लिए व्यापक गाइडलाइन तय की गई है। इसके लिए कार्मिक व विधि विभाग की राय भी ली जाएगी। इन अस्थायी शिक्षकों को नियमित भर्तियों के लिए तय आरएंडपी नियमों के अनुसार रखा जाएगा। जो प्रक्रिया नियमित भर्ती के लिए अपनाई जाती है, वही इन भर्तियों के लिए अपनाई जाएगी। मेरिट के आधार पर चयन होगा। वेतन पर अभी फैसला नहीं हुआ है। प्रदेश में रोजगार के अवसर तलाशने को गठित कैबिनेट सब कमेटी की उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में इस पर मंथन हुआ। पत्रकारों से बातचीत में हर्षवर्धन चौहान ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय व दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं।
इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लोकसेवा आयोग से शिक्षकों की भर्ती में काफी समय लगेगा। ऐसे में इन क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नीति बनाने की योजना है। इसके लिए व्यापक गाइडलाइन तय कर दी गई है। कहा कि 27 अप्रैल को फिर से कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी, जिसमें शिक्षक भर्ती की नीति तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजी जाएगी। कैबिनेट ही इस पर अंतिम फैसला लेगी। मंगलवार को हुई सब कमेटी की बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी सहित सचिव शिक्षा व विधि भी मौजूद रहे।
शिक्षा विभाग में 20 हजार पद खाली
सरकार के अनुसार शिक्षा विभाग में 1.12 लाख पद स्वीकृत हैं। इनमें 20 हजार पद खाली हैं। तुरंत नीति बना कर मामले को कैबिनेट बैठक में ले जाया जाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। राज्य लोकसेवा आयोग ने बीते पांच साल में 2018 से जनवरी 2023 तक 2375 पदों पर भर्ती की है। 1097 पदों पर भर्ती पेंडिंग हैं। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग ने 5 साल में 15,706 पदों पर भर्ती की है। लोकसेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया बहुत धीमी है। लोकसेवा आयोग साल में औसतन 450 से 500 पदों पर ही भर्ती कर पाता है।