आवाज़ ए हिमाचल
नाहन। मौत कब, कहां और कैसे आएगी, इस रहस्य को कोई नहीं जानता। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की सखोली पंचायत में एक बुजुर्ग की मौत स्तब्ध करने वाली है। रूहाणा गांव में रविवार को जागरण रखा गया था। शाम के वक्त गांव के आंगन में रासा भी चल रहा था। इसमें महिलाओं सहित हरेक वर्ग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा था। “रासा” में सबसे आगे हिस्सा ले रहे बुजुर्ग चेतराम शर्मा पुत्र मेहर सिंह अचानक ही गिर गए। पल भर में ही दम तोड़ दिया। चूंकि मौके पर ही मौत हो गई थी, लिहाजा ग्रामीणों ने अस्पताल न ले जाने का निर्णय लिया। सोमवार देर दोपहर दिवंगत चेतराम शर्मा की अंत्येष्टि कर दी गई। हर कोई मौत को लेकर स्तब्ध था।
जानकारी के मुताबिक मृतक बुजुर्ग का एक बेटा ज्ञान चंद शर्मा दिव्यांग का जीवन जी रहा है। करीब 15 साल पहले सड़क निर्माण के दौरान ज्ञान चंद पर मलबा गिर गया था। इसके बाद वो चलने-फिरने में असमर्थ हो गया है। गांव के निवासी हरिचंद शर्मा ने बताया कि सोमवार देर दोपहर अंत्येष्टि कर दी गई है। चूंकि मौके पर ही मौत हो गई थी, लिहाजा अस्पताल ले जाने का भी वक्त नहीं मिला
उधर, पंचायत के उप प्रधान अतर सिंह ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि करीब 70-75 साल के बुजुर्ग को पहले दो मर्तबा दिल का दौरा आ चुका था। वो रासा में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। उप प्रधान के मुताबिक चेतराम शर्मा का निधन अचानक ही दिल का दौरा आने की वजह से हुआ है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र में ‘रासा’ पारंपरिक लोकनृत्य है।