आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
03 अगस्त।राष्ट्रीय उच्च मार्ग घुमारवीं से शिमला सड़क पर वाहन दुर्घटना से घायल गौ वंश को लेकर प्रगति समाज सेवा समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार ने प्रदेश सरकार एवम जिला प्रशासन पर स्वालिया निशान लगाते हुए कहा कि जब तक सरकार पशु पालकों के घर से गौ वंश को सड़क पर बेसहारा छोड़ने को लेकर रोकने में कामयाब नही होती,तब तक सरकार द्वारा पशुओं का रजिस्ट्रीकरण करना एक व्यर्थ कार्यप्रणाली है। उन्होंने बताया कि सड़को पर बेसहारा छोड़े गए रजिस्टर्ड पशुओं को लेकर जहां पर पशुपालन विभाग पंचायत की जिम्मेवारी बता रहा है,वही पर पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार द्वारा नई तकनीक प्रणाली से रजिस्टर्ड पशुओं को लेकर पंचायत को कोई जानकारी नहीं है, नाहि पंचायत के पास कोई रजिस्ट्रीकरण को लेकर कोई लिखित डेटा है।जब सड़को पर छोड़े गए गौ वंश को लेकर विभाग से बात की जाती है तो विभाग पंचायत की जिम्मेवारी बताता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार पशु पालकों द्वारा सड़को पर छोड़े जा रहे बछड़ों को रोकने में नाकामयाब हो रही है तो इस समस्या को रोकने के लिए गरीब पशु पालकों के घर में पल रही गायों को बछड़े की जगह बछड़ी का टीका लगाए।उन्होंने कहा कि बछड़ी के टीकाकरण के बाद भी यदि किसी पशु पालक के घर में बछड़ा हो जाता है तो उस पशु पालक को सरकार 500रुपए की राशि प्रति माह दे सकती है,जिस तरह सरकार गौ शालाओं में दे रही है। सुनील कुमार का कहना है कि सड़को पर छोड़े गए पशुओं को लेकर सरकार उन दुधारू गौ शालाओं पर भी नजर रखे जहां पर गाय के बछड़े पैदा होते है और कहां जाते है।उन्होंने कहा कि कुछ एक गौशालाओं को चला रहे मालिको की शिकायत है कि प्रदेश में घुसपेठ कर बाहरी राज्यों से लाकर पशु प्रदेश की सड़को पर छोड़े जा रहे है,जोकि प्रदेश की सीमाओं पर तैनात पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहा है।उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि सड़को पर छोड़े जा रहे गौ वंश को रोकने और जो गौ वंश सड़को पर है ,उन्हे रखने की सुनिश्चित व्यवस्था नहीं करती है तो वह शीघ्र ही सरकार की कूव्यवस्थित कार्यप्रणाली के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे।