आवाज़ ए हिमाचल
विनोद चड्ढा,घुमारवीं( बिलासपुर)
15 मई।इंसानियत आज भी जिंदा है इस कहावत को घुमारवीं क्षेत्र के पुरषोतम शर्मा ने पूरा करके दिखाया है।उनकी इस सेवा भाव ने हर इंसान को उनका कायल बना दिया है।आपको बता दे कि पुरषोतम शर्मा शिवा कॉलेज चांदपुर व शिवा स्कूल घुमारवीं के चेयरमैन है।
आज कल जहां कोरोना महामारी के चलते मुक्तिधाम घुमारवीं में सब डिविजन स्तर के कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार होने की बजह से अत्यधिक लकड़ी की आवश्यकता है। पिछले कुछ दिनों में इस मुक्ति धाम में न जाने कितने अंतिम संस्कार हो चुके हैं और उनकी चिताओ को जलाने के मुक्ति धाम में फ्री लकड़ी दी जाती है।
मगर जिस तरह आज कल घुमारवीं क्षेत्र में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कारों की संख्या बढ़ रही है,उससे मुक्तिधाम में जलाने के लिए अब लकड़ियां भी कम हो गई थी।आपको बता दे कि यह मुक्ति धाम नेहा मानव सेवा सोसाइटी व जन सहयोग से बनाया गया है।नेहा मानव सोसायटी के संस्थापक पवन बरूर ने बताया कि दो दिन पहले ही उन्होंने लकड़ियों की कमी बारे पुरषोतम शर्मा से बात की तो उन्होंने तुरन्त इसके लिए दो टिप्पर लकड़ी की सेवा भेंट की व स्वंय लगभग 2 घंटे रुककर मुक्तिधाम व देवधाम के सेवा कार्यों को जानने में रुचि ली।
पवन बरूर ने बताया कि एक वर्ष से भी कम समय में ₹23 लाख खर्च करके मुक्तिधाम घुमारवीं का निर्माण किया गया है। मुक्तिधाम में कोरोना संस्कार के लिये अलग से भट्टी सहित कुल 3 भट्टियां, 2 लकड़ी स्टोर, बाथरुम, बैठने के लिये स्टेडियम, कवरड शैड, पीने के पानी के लिये RO युक्त मशीन, 3000 लीटर पानी की क्षमता की टंकियां, पंखे, लाईट व 11 फुट महाकाल की प्रतिमा बनाई गई है। यहां निशु:ल्क लकड़ी व्यवस्था की गई है।