आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 21 अप्रैल। देश-विदेश से आने वाले ऐडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन अब पहली बार हिमाचल प्रदेश में साल के 6 महीने स्कीइंग का लुत्फ उठा सकेंगे।
शिमला जिले की सबसे ऊंची चांशल पीक पर स्कीइंग शुरू करने की तैयारी है। सरकार की टेक्निकल कमेटी ने निरीक्षण के दौरान चांशल पीक को इसके लिए उपयुक्त पाया है। करीब एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट पर्यटन विभाग को सौंपेगी, जिसके बाद सरकार यहां स्कीइंग शुरू करने की अधिसूचना जारी करेगी।
राजधानी शिमला से चांशल पीक करीब 158 किलोमीटर दूर स्थित है। 14,830 फीट ऊंची इस चोटी पर अक्तूबर से बर्फबारी शुरू हो जाती है। मई तक यहां आठ से 12 फीट तक बर्फ रहती है, जो स्कीइंग के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। मानकों के तहत स्कीइंग के लिए 25 से 30 डिग्री ढलान वाला करीब दो किलोमीटर लंबा स्लोप होना जरूरी है।
चांशल पीक की ढलान भी 25 से 30 डिग्री है और लंबाई पांच किलोमीटर तक है। मनाली के सोलंगनाला और शिमला के नारकंडा में स्कीइंग होती है, लेकिन दोनों ही स्थानों पर अप्रैल में पूरी बर्फ पिघल जाती है।
अटल बिहारी वाजपेयी माउंटेनियरिंग संस्थान मनाली के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया कि पर्यटन विभाग के आग्रह पर टेक्निकल कमेटी ने स्कीइंग की संभावना तलाशने के लिए चांशल पीक का निरीक्षण किया है। निरीक्षण में स्लोप स्कीइंग के लिए उपयुक्त पाई गई है। यहां साल में करीब छह माह स्कीइंग की संभावना है। एक हफ्ते में पर्यटन विभाग को निरीक्षण रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। आगामी कार्रवाई पर्यटन विभाग और सरकार करेगी।
शिमला से चांशल की दूरी करीब 158 किलोमीटर है। चांशल पीक पहुंचने के लिए पहले शिमला से खड़ापत्थर, हाटकोटी होते हुए रोहड़ू पहुंचेंगे। रोहड़ू से चिड़गांव, लरोट होकर सड़क चांशल पीक पहुंचती है। शिमला से रोहड़ू की दूरी करीब 110 और रोहड़ू से चांशल पीक की दूरी करीब 48 किलोमीटर है।