आवाज़ ए हिमाचल
22 नवंबर।प्रदेश या देश में सरकार कोई भी हो,जनता के सामने विकास को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करना नहीं भूलती।जब भी कोई जनसभा या कार्यक्रम हो सरकार के ओहदेदार व बजीर सड़क,पानी,बिजली खासकर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च करने के दावे करना नहीं भूलते,लेकिन इन दावों को अगर धरातल पर खंगाला जाए तो यहां सिर्फ और सिर्फ जनता ही पिसती नजर आएगी।स्वास्थ्य सेवाओं की ही अगर बात की जाए तो सरकारों की कथनी और करनी में दिन रात का फर्क नजर आ जाता है।ऐसा ही एक मामला शाहपुर स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है,जहां डाक्टर व तमाम सुविधाएं होते हुए भी,प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को उचित उपचार देने की बजाए एन मौके पर टांडा रेफर कर दिया।बड़ी बात यह है कि इस महिला को लेकर अभी 108 एम्बुलेंस शाहपुर से मात्र दो किलोमीटर दूर पुहाड़ा के पास ही पहुंची थी,कि महिला की प्रसव पीड़ा तेज़ हो गई।इस दौरान एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी ललित व पायलट देवेंद्र सिंह ने एम्बुलेंस में ही महिला का सफलता पूर्वक प्रसव करवा दिया।महिला ने स्वस्थ बच्चें को जन्म दिया था,जच्चा व बच्चा स्वस्थ होने के बाद एम्बुलेंस चालक व ईएमटी ने दोनों को शाहपुर अस्पताल में दाखिल करवा दिया।जानकारी के मुताबिक ईशु देवी पत्नी गुरबच्चन सिंह को रविवार दोपहर शाहपुर अस्पताल में भर्ती करवाया था।शुरू में तो महिला को उपचार दिया जाता रहा, लेकिन जैसे ही उनकी प्रसव पीड़ा बढ़ी तो उन्हें शाम पौने पांच बजे टांडा रेफर कर दिया।महिला ने शाहपुर के पुहाड़ा में 5 बजकर 18 मिनट पर पुहाड़ा में बच्चें को जन्म दे दिया।इस घटना से क्षेत्र के लोगों में रोष है।लोगों की माने तो अगर एम्बुलेंस चालक व ईएमटी हिम्मत न करते तो मां व बच्चें को कुछ भी हो सकता था।लोगों का यह भी कहना है कि अगर एक सिविल अस्पताल में बच्चें की डिलीवरी तक नहीं करवाई जा सकती तो फिर करोड़ रुपए खर्च कर बड़े-बड़े भवन बनाने का क्या फायदा।उधर,खंड चिकित्सा अधिकारी एचपी सिंह ने कहा कि शाहपुर से एमरजेंसी पर ही मरीज को टांडा रेफर किया जाता है।महिला को किस हालात में रेफर किया गया है यह जानकारी ली जाएगी।