आवाज़ ए हिमाचल
05 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला में पुलिस और नक्सलियों के बीच शनिवार को लगभग चार घंटे चली मुठभेड़ के एक दिन बाद रविवार को c लगभग एक दर्जन को इलाज के लिए राजधानी रायपुर भेज दिया गया है। शेष का इलाज यहीं पर अस्पताल में चल रहा है। घायल जवानों में भी कुछ ही हालत काफी गंभीर बनी हुई है। पुलिस का मानना है कि कुछ नक्सलियों के भी मारे जाने की आशंका है, जिनके शव नक्सलियों के कब्जे में ही हैं। इसी बीच रविवार को और अधिक संख्या में पुलिस बल घटनास्थल की ओर रवाना किया गया है, लेकिन उन पर भी हमले के प्रयास की खबरें आई हैं।
पुलिस का कहना है कि यह मुठभेड़ बीजापुर जिला में सुकमा जिले की सीमा पर तररेम इलाके के जंगलों में हुई। बताया गया है कि यहां पर कुछ दिनों से नक्सलियों और उनके नेताओं के एकत्रित होने की सूचना पर ऑपरेशन शुरू किया गया था। कुख्यात नक्सली हिडमा को पकड़ने के लिए जवान उसके मांद में घुसे थे। 2000 जवानों की टीम अलग-अलग इलाकों में हिडमा की टीम को पकड़ने के लिए जंगल के अंदर घुस रही थी। नक्सलियों ने शुरुआत में जवानों को किसी भी प्रकार से नहीं रोका। उन्हें घने जंगलों में अंदर तक घुसने दिया। सुरक्षा बलों की टीम कई हिस्सों में बंटी हुई थी। 700 जवानों की एक टीम को हिडमा की बटालियन ने अपनी एंबुश में फंसा लिया। नक्सलियों ने जवानों को तीन तरफ से घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
जवान घने जंगल में फंसे थे और हिडमा की बटालियन पहाड़ के ऊपर से फायरिंग कर रही थी। चारों तरफ से घिरे जवानों के पास कोई चारा नहीं बचा था। उसके बाद भी जवानों ने हिडमा की बटालियन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस हादसे में नक्सलियों को भी बहुत नुकसान हुआ है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नक्सली मौके से चार ट्रैक्टर में भरकर अपने साथियों के शव ले गए हैं। मुठभेड़ स्थल पर मौजूद एक जवान ने बताया कि इस टीम में करीब आठ सौ की संख्या में नक्सली थे। घायल जवानों के मुताबिक यूबीजीएल, रॉकेट लांचर और इंसास समेत एके-47 से यू शेप में दोनों पहाडि़यों के बीच घेरकर नक्सली 100 से 200 मीटर की दूरी से फायर कर रहे थे।