आवाज ए हिमाचल
28 अप्रैल। देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की आगामी सभी प्रस्तावित परीक्षाओं और प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है। जल्द ही इसके लिए यूजीसी गाइडलाइन जारी करेगा। इसके साथ पाठ्यक्रम में भी कटौती की जा सकती है। इसके अलावा देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के काफी संख्या में कोरोना से पीड़ित होने की खबरें आ रही हैं। इससे पहले कई राज्यों की परीक्षाएं रद कर दी गई हैं या निलंबित कर दी गई हैं। इसमें यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीबीएसई की कक्षा 10 की परीक्षा रद कर दी गई और कक्षा 12 वीं की परीक्षा को रद कर दिया गया है।
उच्च शिक्षा के ज्यादातर कोर्स होंगे ऑनलाइन, यूजीसी ने योजना पर शुरू किया काम
उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने ज्यादा से ज्यादा कोर्सों को आनलाइन या फिर दूरस्थ शिक्षा के माध्यमों से संचालित करने का फैसला किया है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ उन्हीं उच्च शिक्षण संस्थानों को हासिल होगी, जो गुणवत्ता के एक तय मानक को पूरा करेंगे। माना जा रहा है कि इस सुविधा को विस्तार मिलने से दाखिले से वंचित रहने के बाद भी छात्र अपनी पसंद के विषयों और पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर सकेंगे।
योजना पर तेजी से काम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने फिलहाल इस योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इस बीच एआइसीटीई ने बड़ी संख्या में अपने कोर्सों को ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के जरिए पढ़ाने की भी मंजूरी दी है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), कंप्यूटर एप्लीकेशन, डाटा साइंस, लॉजिस्टिक्स, ट्रेवल एंड टूरिज्म के साथ प्रबंधन और उससे जुड़े कोर्स शामिल हैं।
यूजीसी ने टीकाकरण से जुड़ी रणनीति पर शुरू किया काम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने टीकाकरण से जुड़ी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से भी अपने स्तर पर योजना तैयार करने को कहा गया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के मुताबिक टीकाकरण के इससे पहले के चरणों में भी सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को तय उम्र के दायरे में आने वाले संस्थान के सभी लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा गया था। साथ ही इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करने को कहा था।