आवाज ए हिमाचल
25 मार्च। राज्य सहकारी बैंक के कर्मचारियों की छह डिग्रियां और अवैध पाई गई हैं। इनकी विजिलेंस जांच पूरी हो गई है। तमिलनाडु की डीम्ड विश्वविद्यालय से वेरीफिकेशन करवाई गई। अब विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। अब गृह विभाग पर निर्भर करेगा कि वह क्या निर्देश देता है, लेकिन जांच को देखते हुए बैंक कर्मियों की पदोन्नति नहीं हो पाएगी। सूत्रों के अनुसार बैंक प्रबंधन ने राज्य विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो से पत्र लिखा था।
इसमें आग्रह किया गया था कि जांच एजेंसी इन डिग्रियों की वैधता का पता लगाएं। विजिलेंस के राज्य मुख्यालय ने इसकी गहनता से जांच करवाने का आदेश दिया। पता चला है कि डीम्ड विश्वविद्यालय अपने कैंपस से बाहर अंडर ग्रेज्युएशन (यूजी), पोस्ट ग्रेज्युएशन (पीजी) कोर्स करवाने को अधिकृत नहीं है।हालांकि बैंक में भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं रखी गई थी। इसके बाद कई कर्मचारियों ने स्नातक की डिग्रियां तमिलनाडु से की। ऐसा पदोन्नति के लिए किया गया। अभी पदोन्नति नहीं हुई कि किसी ने शिकायत की और पूरा मामला प्रबंधन के ध्यान में लाया। इसके बाद डिग्रियों की जांच विजिलसें को सौंपी गई।
दो डिग्रियां पाई गई फर्जी
बैंक प्रबंधन की ओर से पहले भी छह अलग डिग्रियों पर फर्जी होने का शक जताया गया था। पूर्व सरकार के कार्यकाल में विजिलेंस जांच करवाई गई। जांच में इनमें इनमें से दो डिग्रियां फर्जी पाई गई। इसके आधार पर प्रबंधन ने दो कर्मियों को पेनेल्टी लगाई थी। एक एजीएम पदोन्नत हो गया था। उससे पदोन्नति के समय के वेतन की रिकवरी की गई है। दूसरे ने पदोन्नति नहीं ली थी। दोनों को पांच साल की सर्विस ब्रेक दी गई है। लेकिन कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।