आवाज ए हिमाचल
11 फरवरी।भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर और केंद्र सरकार में जारी गतिरोध के बीच गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग हुआ तो कार्रवाई होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम इंटरनेट मीडिया का बहुत सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है।
हालांकि, अगर फर्जी खबरों, हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन अनुच्छेद 19 A कहता है कि यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है। उन्होंने ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स को व्यापार करते समय भारतीय नियमों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों को भारत के संविधान का पालन करना होगा। भारतीय संविधान सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना करने की अनुमति देता है, लेकिन फेक न्यूज फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हमने ट्विटर और इंटरनेट मीडिया के कुछ मुद्दों को उठाए हैं। अगर उन्हें देश में व्यापार करना है, तो भारतीय कानूनों को ध्यान में रखना होगा।
अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग मापदंड नहीं हो सकते। यह कैपिटल हिल की घटना और और लाल किले की घटना के लिए अलग-अलग मापदंड नहीं हो सकता।उल्लेखनीय है कि सरकार ने ट्विटर से ऐसे कई आकउंट को बंद करने को कहा है, जिनके माध्यम से कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक और भड़काऊ सूचनाएं शेयर की जा रही हैं। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को सरकार ने आदेश नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। सरकार ने ट्विटर हैंडल पर फार्मर्स जेनोसाइड हैशटैग से जुड़े अकाउंट पर कड़ी आपत्ति जताई है। बुधवार को ट्विटर के शीर्ष प्रबंधन से आइटी सचिव ने वर्चुअल मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि ट्विटर को भारतीय कानून का पालन करना होगा और देश की व्यवस्थाओं के मुताबिक कारोबार करना होगा। उन्होंने फार्मर्स जेनोसाइड हैशटैग को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।ट्विटर ने केंद्र सरकार के आदेश के पूरी तरह से पालन करने में असमर्थता जताई है। हालांकि, उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थाई रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है। ट्विटर ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि सरकार के निर्देश पर उसने कुछ अकाउंट बंद तो किए हैं, लेकिन मीडिया के ट्विटर हैंडल, पत्रकारों, एक्टिविस्ट और नेताओं के अकाउंट बंद नहीं किए गए हैं, क्योंकि ऐसा करने से उनके बोलने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता।