आवाज ए हिमाचल
26 फरवरी। सुरक्षित सफर के लिए जरूरी है कि सड़कें सही हों, लेकिन इससे भी जरूरी है कि लोग यातायात नियमों का पालन करें। अधिकतर सड़क हादसों की वजह मानवीय चूक ही रहता है। सरकार यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करती है, लेकिन जुर्माने की राशि कम होने के कारण अधिकतर लोग इसकी परवाह नहीं करते हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में हर रोज सड़क हादसे होते हैं। ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब किसी को जख्म न मिलते हों। सरकार इस संबंध में गंभीर है। मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नए मोटर वाहन अधिनियम को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। देखा गया है कि कई नाबालिग भी वाहन चलाते हैं जो नियमों के खिलाफ है।नए प्रविधान के तहत यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता पकड़ा जाता है तो वाहन मालिक या अभिभावक को भी दोषी माना जाएगा और 25 हजार रुपये के साथ तीन साल की कैद भी हो सकती है। इसी तरह बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर पांच हजार रुपये व बिना सीट बैल्ट वाहन चलाने पर एक हजार रुपये जुर्माना होगा। खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर पांच हजार व शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना होगा। इसी तरह अन्य अन्य नियमों की अवहेलना पर अलग अलग जुर्माना तय किया गया है।
उम्मीद है कि लोग इस फैसले का मर्म समझेंगे और यातायात नियमों का पालन करेंगे। सरकार को वाहन चालकों पर नजर रखनी की भी व्यवस्था रखनी होगी। शहरों पर प्रमुख चौराहों पर पुलिस कर्मी तैनात होते हैं, लेकिन उन स्थानों पर भी पुलिस कर्मचारियों की तैनाती अवश्य की जानी चाहिए जहां पर अधिक हादसे होते हैं। इसके साथ ही मोबाइल टीमों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, जो सड़कों पर ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करे जो नियमों की अवहेलना करते हैं। उधर लोगों को भी चाहिए कि यातायात के जो नियम बनाए गए हैं उनका सख्ती से पालन किया जाए। नियम कड़े करने का सरकार का मकसद राजस्व एकत्र करना नहीं है, बल्कि अनमोल जिंदगियों को बचाने का है। हादसों से राज्य की छवि भी प्रभावित होती है।