आवाज़ ए हिमाचल
30 मार्च। एक मार्च से 29 मार्च के बीच महाराष्ट्र में पांच लाख 90 हजार 448 मामले दर्ज किए गए हैं और अभी भी महीना पूरा होने में दो दिन बाकी हैं। ऐसे में मार्च पूरा होते-होते अगर यह आंकड़ा छह लाख को पार कर जाए तो हैरत वाली बात नहीं होगी। इससे पहले सितंबर 2020 में राज्य में पांच लाख 93 हजार 192 मामले मिले थे। साल 2021 की शुरुआत में महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों में बड़ी गिरावट देखी गई थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर 2020 से फरवरी 2021 तक राज्य में कोरोना के चार लाख 87 हजार 519 मामले सामने आए थे। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर ने राज्य में स्थिति को फिर गंभीर बना दिया है।
17 मार्च के बाद से महाराष्ट्र में रोजाना 20 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस महीने राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते 2129 लोगों की जान गई है। सोमवार को राज्य में सकारात्मकता दर 14.08 फीसदी रही जबकि ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) 85.71 फीसदी रहा। यहां रोजाना एक लाख से अधिक जांच हो रही हैं।कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना पर रोक लगाने के लिए राज्य में लॉकडाउन की सिफारिश की है। इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने भी कड़ा संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं इसलिए लॉकडाउन पर विचार करना पड़ सकता है। इसे लेकर अब सरकार में दो सुर सुनाई पड़ रहे हैं।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर पालिका (बीएमसी) ने निजी अस्पतालों के लिए आदेश जारी किया है। इसके तहत निजी अस्पतालों को 80 फीसदी बेड और 100 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने होंगे। इसके साथ ही अस्पतालों को सीधे किसी मरीज को भर्ती करने से मना किया गया है।