आवाज़ ए हिमाचल
03 नवंबर। मंडी संसदीय क्षेत्र सहित प्रदेश के तीन अन्य विस क्षेत्रों में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल के नाम पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। बेशक प्रदेश भाजपा हार के कारणों को तलाशने और 2022 के चुनाव से पूर्व इन कमियों को दूर करने की बातें कर रही है। लेकिन भाजपा की इस शर्मनाक हार के पीछे दो बार मुख्यमंत्री रहे,
प्रेम कुमार धूमल की अनदेखी को भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। मंडी लोकसभा सीट समेत सोलन के अर्की, शिमला के जुब्बल-कोटखाई और कांगड़ा के फतेहपुर सहित चारों सीटों में भाजपा के चुनाव प्रचार में धूमल ने बिल्कुल भी भाग नहीं लिया। धूमल की अनुपस्थिति पार्टी कार्यकर्ताओं को खली। वहीं धूमल फैक्टर को हाशिये पर धकेलने के,
तथा कथित प्रयासों से पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक गलत संदेश भी गया। पार्टी में गुटबाजी और सरकार में काम न होने के आरोप आए दिन कई कार्यकर्ता लगाते रहे। 2017 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया। जिसकी बदौलत प्रदेश में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा सत्ता की दहलीज तक पहुंची।