आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। भारत अब 400 किलोमीटर रेंज का स्वदेशी लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (एलआरएसएएम) बनाने जा रहा है। यह मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने में सक्षम होगा। यह तीन लेयर का होगा यानी तीन स्टेज वाला। यह दुश्मन के हवाई जहाज, फाइटर जेट, रॉकेट, हेलिकाप्टर या मिसाइल को 400 किलोमीटर रेंज में मार गिराने में सक्षम होगा। रक्षा मंत्रालय के पास तीन लेयर वाली लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बनाने का प्रस्ताव मिला है। जल्द ही इसका क्लियरेंस भी मिल जाएगा। 20 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास खुद की हवाई सुरक्षा प्रणाली है। जैसे- रूस का एस-400 सिस्टम। जिस मिसाइल को भारत बनाने जा रहा है, वह तीन लेयर्स का होगा यानी अलग-अलग रेंज पर हमला करने में सक्षम होगा। अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर होगी। इससे पहले भारत इजरायल के साथ मिलकर मीडियम रेंज का एसएएम मिसाइल बना चुका है, जिसकी रेंज 70 किलोमीटर है यानी दुश्मन का फाइटर जेट हवा में इतनी दूर है तो उसे मार गिराने की क्षमता भारत के पास पहले से मौजूद है। अब इसे बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया जाना है। भारत में डीआरडीओ ने जमीन से छोड़ी जाने वाली और युद्धपोत से छोड़ी जाने वाली हवाई सुरक्षा मिसाइलों को विकसित किया है। इसमें काफी आगे बढ़ चुका है। भारत की तीनों सेनाओं के पास इस समय मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें मौजूद हैं।
रूस से मिली एस-400 मिसाइलें भी 400 किलोमीटर रेंज तक हवाई हमले को रोक सकती हैं, लेकिन अब भारत ऐसी ही मिसाइलें बनाएगा। चीन के पास रूस के एस-400 की तरह ही उनका अपना एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन वह रूस के एस-400 एयकर डिफेंस सिस्टम से कम क्षमतावान हैं। भारत में बनने वाले एयर डिफेंस सिस्टम (एलआरएसएएम) प्रोजेक्ट का नेतृत्व भारतीय वायुसेना कर रही है। जो लगातार स्वदेशी रक्षा उपकरणों और प्रणालियों के विकास में लगी हुई है।