आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर । प्रदेश सरकार द्वारा बंद किए गए संस्थानों के विरोध में जिला नूरपुर की भाजपा रैली बड़े नेताओं के शामिल ना होने पर कई सवाल खड़े कर गई।जहां इस रैली में ज्वाली और फतेहपुर से कई नेता नदारद रहे वहीं इसमें सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है नूरपुर से पूर्व विधायक एवं मंत्री राकेश पठानिया का इस रोष रैली में शामिल ना होना।चूंकि चारों विधानसभाओं की इस रैली का आयोजन नूरपुर में हुआ और नूरपुर से ही रहे पूर्व मंत्री जो भाजपा सरकार में सबसे बड़े कद्दावर नेताओं की श्रेणी में आते थे और उनका ही इस रोष रैली में शामिल ना होना कई सवाल खड़े करता है।
जब इस सबंध में रैली की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री से सवाल किया गया तो उनका जबाब था कि उनकी पठानिया से बात नहीं हो पाई।अब सवाल उठता है कि नूरपुर में कार्यक्रम होकर नूरपुर से पूर्व मंत्री राकेश पठानिया से बात ना होना दर्शाता है कि भाजपा में कुछ अच्छा नही है।चाहे पार्टी पठानिया के नदारद रहने पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही हो लेकिन जनता में यह सुगबुगाहट है कि पठानिया को नूरपुर की बजाए फतेहपुर से चुनाव में उतारना और वहां से उनका हारना यही टीस शायद उनको इस रैली से दूर रख रही है।