विजय शर्मा ने बुजुर्गों के सपने में भरे रंग, उड़ीसा के कारीगरों ने दिया आकार
आवाज ए हिमाचल
तरसेम जरियाल, बोह।
21 जून। शाहपुर की बोह घाटी के बेटों ने अपनी मेहनत व लग्न के दम पर अपने पिता व बुजुर्गों के सपने में रंग भर दिए। बेटों ने बोह के रुलेहड़ में न केवल करोड़ों रुपए खर्च कर श्रीमल्ल माता शुक्राला का भव्य मंदिर बनवा दिया, बल्कि पिता के उस सपने को भी सच्च कर दिखाया जो उन्होंने कई वर्षों पहले देखा था। आज इस मंदिर की बदौलत बोह घाटी एक बार फिर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और पर्यटक की दृष्टि से विकसित हो रहा है।
रुलहेड (बोह) गांव के पंडित पृथि चंद सपुत्र स्व जयवंत शर्मा की इच्छा थी कि कुलदेवी का मंदिर वोह में बनाया जाए। इस सपने को साकार करने में पृथि चंद शर्मा निर्माण स्थल को समतल करने में वर्ष 2008 में जुट गए। इलाका दुर्गम था और बड़े – बड़े पत्थर थे। मात्र एक गैंती और झब्बल के साथ पंडित पृथ्वी चंद पहाड़ को समतल करने में जुट गए। लोगों का भी भी काफी सहयोग मिला। अभी मंदिर का नींव पत्थर ही रखा था कि पंडित पृथि चंद शर्मा का निधन हो गया। अब पिता के सपने को साकार करने का जिम्मा बेटों के सिर पर था।
100 साल पुराना सपना पूरा करने में गरीबी बनीं बेड़ियां
बता दें कि बोह वैली के गांव पंचायत रुलहेड स्थित रुलहेड गांव में मंदिर निर्माण का यह सपना लगभग 100 वर्ष से भी अधिक पुराना था। विजय शर्मा के पिता पृथि चंद का यह सपना था कि गांव में एक भव्य मंदिर हो दरअसल इस गांब में इनके पूर्वज लगभग 4 सौ बर्ष पूर्व जम्मू से यहाँ आए थे। तव अपने साथ वहाँ से श्री मल्ल, शुक्राला कुल देवी का त्रिशूल चिन्ह अपने साथ लाए थे। उसके बाद 400 साल बाद इनके पिता पृथि चंद इस गांब में भव्य मंदिर का निमार्ण करना चाहते थे, लेकिन गरीबी के कारण सपना अधूरा सपने को पूरा करने के लिए बर्ष 2018 में मंदिर का निर्माण शुरू किया। विजय शर्मा और ओम प्रकाश चंद ने बताया कि मां के आशीर्वाद से मंदिर निर्माण में ताकत मिली।
…और इस तरह पिता का सपना हुआ साकार
ओम प्रकाश वन विभाग में वनरक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं, तो दूसरे बेटे विजय कुमार शर्मा का पालमपुर सब्जी मंडी में आढ़त का कारोबार है। पिता की इच्छा पूर्ण करने के जनून को लिए विजय कुमार शर्मा ने मंदिर निर्माण के लिये मार्च 2018 में बेहतरीन कारीगर उड़ीसा से ढूंढें। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 20 जनबरी 2022 में उनका सपना पूरा हुआ और रुलहेड गांव में श्रीमल्ल माता शुक्राला देवी का भव्य मंदिर बन गया।