आवाज़ ए हिमाचल
तरसेम जरियाल,बोह
13 अप्रैल।जिन लोगों को लगता है खेती घाटे का सौदा है, उनकी यह धारणा शाहपुर के बोह में पहुंचकर बदल सकती है। मोरछ गांव के युवा किसान खेम जरियाल ने दो महीना पहले मशरूम की खेती शुरू की और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनकी मेहनत रंग लाई। आज मशरूम से न सिर्फ उनकी आर्थिकी मजबूत हो रही है, बल्कि गांव के कई परिवारों के लिए उनका यह स्वरोजगार रोजगार भी मुहैया करा रहा है। खेती-किसानी उनका विषय नहीं था।
उन्होंने मुंबई जैसे शहर में लाखों का सालाना पैकेज पर तीन साल तक काम किया। फिर यहां से भी इस्तीफा दे देकर घर लौट आए। यहां उन्होंने खेती को रोजगार का मुख्य साधन बनाने की ठानी। अपनी मेहनत के दम पर पहले गोभी, टमाटर, अन्य देशी सब्जियां तैयार की उसके बाद अब पिछले तीन महीनों से मशरूम के उत्पादन में लगातार कामयाबी की ओर बढ़ रहे हैं।
शादियों में धाम में मशरूम के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं। 98053 40741 खेम जरियाल इस तरह के प्रयास करने बाले सभी किसानों को दिल से सलाम।