आवाज़ ए हिमाचल
30 मार्च। हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के बैंकों की क्रेडिट डिपॉजिट रेश्यो (सीडीआर) 40 फीसदी से कम है। बैंकों में जमा डिपॉजिट के अनुपात में ऋण जारी नहीं हो रहा है। इससे बैंकों की आय प्रभावित होना शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जमा राशि का 65 से 75 फीसदी ऋण के लिए देने के निर्देश दिए हैं।सीडीआर कम होने से कई बैंक अलार्मिंग स्टेज पर पहुंच गए हैं। बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, मंडी और ऊना जिला के बैंकों की सीडीआर 40 फीसदी से कम है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 159वीं बैठक में इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने सभी बैंकों को सीडीआर बढ़ाने को कहा है।
सीडीआर को बढ़ाने के लिए बैंकों को कृषि क्षेत्र पर अधिक फोकस करने के राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने निर्देश दिए हैं। डेयरी उत्पाद, मछली पालन और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े कारोबार करने वालों को ऋण लेने के लिए उत्साहित करने को कहा है। प्रदेश और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी आम जनता तक पहुंचाने की अपील की गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन और ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में इन क्षेत्र के निवेशकों को ऋण लेने के लिए संपर्क करना चाहिए।
बैंकों में जितना पैसा जमा किया जाता है, उसके सापेक्ष कितना पैसा बैंक ऋण के रूप में बांट रहे हैं। इसी के अनुपात को सीडी रेश्यो कहा जाता है। बैंकों की मुख्य आय दिए गए ऋणों से प्राप्त होने वाले ब्याज से होती है। इस आय से ही बैंक जमा राशि पर ब्याज भी देते हैं। अगर यह आय कम हो जाए तो बैंकों को कारोबार प्रभावित होता है।