आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
8 अप्रैल। 12 अप्रैल को झण्डुता अस्पताल में अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र हेतू दिव्यांगता शिविर आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ प्रवीण कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार विधेयक 2016 के तहत दिवयांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है, जिसमें अुंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति, बहरापन, लोकोमीटर दिव्यांगता, बौनापन, बौद्विक दिव्यांगता, मानसिक बिमारी, आॅथ्टज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्टाॅफी, जीर्ण तंत्रिका संबंधी स्थितियां, विशिष्ट सीखने की अक्षमता , मल्टी पल स्केलेरोसिस , भाषण और भाषा दिव्यांगता, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग, बहरापन सहित कई दिव्यांगता, एसिड अटैक पीडित तथा पार्किसंस रोग शामिल है। सभी दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र हेतु आॅन लाइन आवेदन कर वैवसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते है।
उन्होने कहा कि हर महीने के प्रथम व तीसरे शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में विशेष शिविर के दौरान अपने अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र को बना सकते हैं। उन्होने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए राशन कार्ड/वोटर कार्ड/आधार कार्ड तथा दिव्यांग व्यक्ति के 4 फोटो होना आवश्यक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हर महीने के प्रथम शुक्रवार को दिव्यंागंता प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है।
शिविर में प्रार्थी की मैडिकल बोर्ड में चिकित्सकों की टीम के द्वारा परिक्षण के बाद दिव्यांगता का आंकल्न किया जाता है तथा दिव्यांग प्रार्थियों के पक्ष में दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यलय द्वारा जारी किया जाता है। इसके बाद प्रार्थी को अपना पंजीकरण सामाजिक कल्याण विभाग में करवाना आवश्यक हैं, उसके बाद ही यूनिक डिसएवलटी आई डी कार्ड के माध्यम से व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकता है। उन्होने जिला के पात्र लोगों से निवेदन किया कि 12 अप्रैल, 2022 को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने हेतु स्वयं आकर अपना प्रमाण पत्र बनवाएं व सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं।