आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
28 जून । हिमाचल प्रदेश मेंडीकल आफिसर एसोसिएशन बिलासपुर इकाई ने भी अध्यक्ष डा. सतीश शर्मा के नेतृत्व में दो घंटे की पैन डाउन स्ट्राइक की। इस दौरान जिला अस्पताल में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भीषम गर्मी के इस आलम में ओपीडी के हर कक्ष के बाहर मरीजों का जमावड़ा और बिलखते बच्चों का रूदन अपनी बेबसी बयान कर रहा था। बहरहाल चिकित्सकों ने सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक अपनी पैन डाउन स्ट्राइक जारी रखी। इस अवसर पर एचपीएमओए के जिलाध्यक्ष डा. सतीश शर्मा ने कहा कि हिमाचल का चिकित्सा संगठन पंजाब पे कमीशन की सिफारिशो का पुरजोर विरोध करता है तथा पंजाब के चिकित्सकों द्वारा जारी विरोध का भी वे समर्थन करते हैं। डा. सतीश शर्मा ने बताया कि भतों, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकार का रवैया चिकित्सक वर्ग के प्रति उदासीन रहा है। उन्होंने मुख्य मसले का जिक्र करते हुए कहा कि संघ ने नाॅन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को कम करने तथा बेसिक वेतन से डी-लिंक करने का एक स्वर में विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि उनका नाॅन प्रैक्टिसिंग भता बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया जाना चाहिए तथा डी-लिंक की आॅप्षन को निरस्त कर इसे बेसिक वेतन में रखा जाना चाहिए। डा. शर्मा ने कहा कि जब तक हिमाचल प्रदेश सरकार उनकी मांगों को मानती नहीं
उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान होेने वाले नफा नुकसान की प्रदेश सरकार जिम्मेवार रहेगी। उन्होंने यह भी स्पश्ट किया इस सांकेतिक स्ट्राइक के दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी हैं। डा. सतीश शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सक अपनी जान को दावं पर लगाकर सेवा कर रहे हैं ऐसे में इस प्रकार की सिफारिषें फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ विष्वासघात है। इसके अलावा डा. सतीश शर्मा ने कहा कि प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा मेडीकल आफिसर इंचार्ज के साथ दुव्यर्वहार और उनके परिवार को मानसिक तनाव देने के प्रकरण की एसोसिएशन कड़ी निंदा करती है। उन्होंने दो टूक शब्दो में कहा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ा संदेश जाना चाहिए ताकि भविश्य में कोई भी मेडीकल आफिसर पद की गरिमा, उनके प्रोफेषनल कार्यों में हस्तक्षेप, क्षेत्रवाद के नाम पर बेइज्जत कर व्यक्तिगत स्वाभिमान को ठेस पहंुचाने की हिम्मत न करे।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करें। डा. शतिश शर्मा ने कहा किमौजूदा समय में चिकित्सक वर्ग ने हर मोर्चे डटकर आने वाली सभी बीमारियों से पीड़ितों की रक्षा की है। इसी कड़ी में यदि पूरे देश में देखा जाए तो छह सौ से अधिक चिकित्सक कोरोना का ग्रास बने हैं। बावजूद इस वर्ग ने अपनी हिम्मत नहीं खोई है और पीड़ित मानवता की सेवा में जान को हथेली पर रखकर अपने दायित्व को निभाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि चिकित्सकों की जायज मांगों पर अवष्य गौर कर षीघ्र राहत पहंुचाने का कार्य करें। सोमवार को पैन डाउन स्ट्राइक में डा. सतीश शर्मा, डा. अनुपम शर्मा, डा. मुकेश, डा. निशांत, डा. महेंद्र, डा. दिशा आदि मौजूद रहे।