आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
09 फरवरी।भारतीय सेना में अदम्य साहस का परिचय वक्त वक्त पर देने वाले जाबांज सैनिकों के शौक के किस्से मशहूर हैं। कोई गीत गाता है तो कोई इंस्ट्रूमेंट बजाकर अपनी अदाकारी प्रस्तुत करता है, लेकिन ऐसे में एक सैनिक का रैपर होना सेना में आधुनिकता को दर्शाता है। जी हां यहां बात हो रही है कि भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस यानि आईटीबीपी के जवान विशाल चंदेल की, जो अपनी रैपिंग अदाकारी के बलबूते न सिर्फ बिलासपुर बल्कि अपनी सेना टुकड़ी के साथ देश का गौरव बन गए हैं। अभी हाल ही में 26 जनवरी के कार्यक्रम में उनके यहां पहुंची नेशनल चैनल एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में विशाल चंदेल ने अपनी परफार्मेंस देकर अपने सेना के उच्चाधिकारियों को हैरान कर दिया। बिलासपुर जिले के घुमारवीं के भदरोग गांव में पिता रमेश कुमार और माता संतोश कुमारी के घर में जन्में विशाल की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों में हुई है।
बचपन से ही विशाल अपने सहपाठियों का मनोरंजन करते रहे हैं। विशाल ने अपने तेवर कालेज समय में ही दिखाने शुरू कर दिए थे। कालेज के छोटे बड़े हर कार्यक्रम में उन्हें युवा तुर्क का जबरदस्त समर्थन मिलता गया और उन्होंने हिमाचल के अधिकांश मेलों, उत्सवों के साथ चंडीगढ़ दिल्ली आदि स्थानों में भी अपनी सफलता के झंडे गाढ़े है । विशाल चंदेल ने बताया कि कुछ अलग करने का शौक उन्हें बचपन से ही था, लेकिन मौजूदा परिवेश में रैप का जादू सभी के सर चढ़ कर बोलता है। यह एक ऐसी क्रिया है जिसे शब्दों में बुनकर परोसा जाता है, लोगों को जब यह पसंद या नापसंद आती है तो इसका रिस्पांस भी त्वरित होता है। दूसरे शब्दों में यह शायरी का नया प्रारूप है। मुंबई के मशहूर रैपर भूमिया को अपना गुरू मानने वाले विशाल ने वर्ष 2010 में शिवा इंजीनियरिंग कालेज में अपनी परफार्मेंस देकर अपने मंसूबे साफ कर दिए थे। विशाल चंदेल एक रैपर फौजी होने पर गर्व महसूस करते हैं। वर्ष 2014 में आईटीबीपी में भर्ती हुए विशाल का शौक सेना में भी जारी है। वर्तमान में वे देहरादून में सेवारत विशाल ने बताया कि जब भी वे खाली होते हैं तो स्वयं गाना बनाते हैं तथा उसे गाने का अभ्यास करते हैं। उन्होंने बताया कि देश की सेवा और रैप उनका जुनून है।
उन्होंने बताया कि उसके इस शौक को जिंदा रखने तथा विस्तार करने के लिए सेना के सहयोगियों के साथ उच्चाधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता है। विशाल ने कई रैप गीत लिखे हैं जिन्हें वे बड़े स्तर तक ले जाने की इच्छा रखते हैं। विशाल का मानना है कि यदि उन्हें बेहतरीन मंच मिले तो वे अपनी सेना के साथ प्रदेश का नाम जरूर रोशन करेंगे।