आवाज़ ए हिमाचल
09 फरवरी।समाज और नैतिक मूल्यों को प्रज्वलित और प्रकाशित करने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।इसी कारण से प्रत्येक समाज में गुरु का सर्वोत्तम-स्थान है।आधुनिक युग में गुरु के स्थान पर शिक्षक शब्द का प्रयोग किया जाता है।आधुनिक युग में उत्तम शिक्षक बनाने हेतु सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों की व्यवस्था की गई है,ताकि सभी शिक्षक उत्तम गुणों से संपन्न होकर आने वाली भावी पीढ़ी के लिए उत्तम मार्गदर्शक बन सके। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् शिक्षक बनने हेतु बीएड का प्रावधान है, जिसमें छात्राध्यापक व छात्राध्यापिकाएं अपने निजी कॉलेज में सैद्धांतिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके उपरांत प्रशिक्षु प्रायोगिक-वातावरण में ढलने के लिए विविध विद्यालयों में जाकर प्रशिक्षु-शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं।विजय वल्लभ कॉलेज आफ एजुकेशन बेला नादौन की 10 प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं साक्षी डोगरा, शिवानी, तनु, आकृति, किरण कुमारी, स्मृति शर्मा, सुजाता ठाकुर, आकांक्षा, शालिनी, अंकिता तथा तृशा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की 3 प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं श्रेया शर्मा, अनुष्का और सिया ने राजकीय उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नादौन में चार महीने तक प्रशिक्षु अध्यापिकाओं के रूप में कार्य किया।जानकारी देते हुए संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने बताया कि इन सभी प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं ने विद्यालय की सभी कक्षाओं में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों को अत्यंत उत्कृष्ट व आधुनिक रीति से पढ़ाया तथा विद्यालय में होने वाली अन्य सभी प्रकार की गतिविधियों में भी उत्कृष्ट कार्य किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय, खंड, जिला व राज्य स्तर पर होने वाली विविध प्रतियोगिताओं हेतु भी बच्चों के प्रदर्शन को सुधारने में भरपूर सहयोग प्रदान किया। संस्कृत अध्यापक ने बताया कि चार महीने के प्रशिक्षण कार्य के दौरान इन को जो भी विद्यालय से संबंधित कार्य प्रदान किए गए, इन्होंने सभी कार्यों का पूर्ण निष्ठा और कर्मठता से निर्वहण किया, जिसके लिए प्रधानाचार्या मंजू रानी सहित सभी अध्यापकों ने इनकी प्रशंसा की। आज प्रशिक्षण के अंतिम दिवस के उपलक्ष्य पर विद्यालय की ओर से प्रशिक्षु अध्यापिकाओं को प्रीतिभोज प्रदान किया गया तथा उनके उज्जवल भविष्य हेतु कामना की गई। अन्त में प्रधानाचार्या ने प्रशिक्षु अध्यापिकाओं से कहा कि अपने जीवन में हमेशा छात्र हित को सर्वोपरि मानकर ही अध्यापन कार्य करें ताकि एक उत्तम समाज का निर्माण हो सके। इस उपलक्ष्य पर उप प्रधानाचार्य परमजीत सिंह प्रशिक्षु अध्यापिका प्रभारी संजीव कुमार टीजीटी संस्कृत नरेश मलोटिया सहित अन्य सभी अध्यापक उपस्थित रहे।