आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन ने आज जॉइंट फ्रंट के बैनर तले गेट मीटिंग की।यह गेट मींटिंग राज्य संगठन सचिव अश्विनी ठाकुर,पावर इंजीनियरिंग एसोसिएशन की ओर से इंजीनियर विकास ठाकुर और कर्मचारी यूनियन के मेंबर ऑफ एडवाइज़री पवन मोहल के नेतृत्व में आयोजित की गई।
इस गेट मीटिंग में कर्मचारियों और पेंशनरों ने राज्य सरकार और बिजली प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।राज्य संगठन सचिव अश्विनी ठाकुर ने बताया कि आज बिजली बोर्ड के कर्मचारी व पेंशनर्ज बड़े कठिन दौर से गुजर रहे हैं जहां आज बोर्ड़ उन्हें पेंशन व वेतन की अदायगी भी कर पा रहा है।उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंतनीय है कि अपने खून और पसीने से विद्युत विभाग को सींचने वाले कर्मचारियों को वेतन और पेंशन के ही लाले पड़े हुए है।उन्होंने कहा कि जहां प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में पुरानी पेंशन लागू कर दी है वहीं बिजली विभाग को पुरानी पेंशन ना देकर सौंतेला व्यवहार किया है।
अश्वनी ठाकुर की माने तो विभाग घाटे में होने की दुहाई देता रहता है लेकिन आज विद्युत विभाग की करोड़ों की अदायगी विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों से पेंडिंग पड़ी है जिसे प्रबंधन कलेक्ट करने के आदेश नहीं देता जबकि अगर कोई अपने स्तर पर कर्मचारी या अधिकारी बकाया बिलों को कलेक्ट करने जाता है तो उन्हें उच्चाधिकारियों के निर्देशों से रोका जाता है।उन्होंने कहा कि अगर सरकारी क्षेत्र से ही बकाया अदायगी को विद्युत विभाग कलेक्ट करता है तो करोड़ों रुपये प्रबंधन के पास हो जाते है और घाटे का रोना रोने वाला विभाग सोने की चिड़िया बन सकता है।उन्होंने सीधे सीधे सरकार और प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर शीघ्र ही पेंशन और वेतन कर्मचारियों और पेंशनरों को नहीं मिला तो वो ‘नो पे नो वर्क’ पर आ जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन और सरकार की होगी।
यूनियन के मेंबर ऑफ एडवाइज़री पवन मोहल ने तल्ख लहजे सरकार और प्रबन्धन को चेताया और कहा कि अगर किसी विभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी मौत का शिकार हुए है तो वो बिजली विभाग के कर्मचारी थे जिन्होंने लोगों के घरों को रोशन करने के चलते अपने घरों में अंधेरा कर दिया और हादसे का शिकार हुए।
उन्होंने चेतावनी दी कि बिजली कर्मचारी अगर बिजली के करंट से नहीं डरता तो इस सरकार से भी डरने वाला नहीं है।उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो वो शासन-प्रशासन का घरों से निकलना बंद कर देंगे।