आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू
16 अप्रैल।हिमाचल का सबसे पुराना औद्योगिक क़स्बा इन दिनों डायरिया जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रहा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें फिलहाल कम होती नज़र नहीं आ रही हैं।इसमें सिर्फ परवाणू के सेक्टर्स से ही मरीज़ नहीं आ रहे अपितु साथ लगती टकसाल पंचायत ग्रामीण इलाकों से भी परवाणू ईएसआई अस्पताल में डायरिया के मामले आ रहे है।सोमवार तक डायरिया का आधिकारिक आंकड़े 190 पार कर गए थे,जिनमें कुछ लोग ठीक भी हो गए हैं।मंगलवार को यह आंकड़े 190 से बढ़कर 230 तक पहुँच गए है,वहीं हेल्थ वालंटियर्स और आशा वर्कर अब घर घर जाकर पानी और सफाई व्यवस्था की जांच कर रही है और अब तो यह कार्यकर्ता परवाणू के उद्योगों में भी जाकर पीने के पानी की व्यवस्थाओं की जांच कर रही हैं। सभी सम्बंधित विभाग डायरिया के साथ डेंगू पर भी रणनीति बना कर कार्य कर रहे हैं। यहां बता दें कि कई जगह सिवरेज का गन्दा पानी पीने वाले पानी के साथ मिल रहा है,जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।इस पुरे मामले पर प्रदुषण नियंत्रण विभाग को भी जानकारी दी गई थी,लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए है।हिमुडा विभाग भी चुप्पी साधे हुए है।उधर,नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी बाबू राम नेगी ने कहा कि नप द्वारा डेंगू को लेकर फॉगिंग करवाई जा रही है और अब हम इसी मुहीम में डायरिया को लेकर भी जनता को जागरूक करेंगे।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को नप से जो भी आवश्यक सहयोग चाहिए होगा। बाबू राम नेगी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ कविता शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जो पानी के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे, उनमे कलोरोफार्म बेक्टिरिया पाया गया है।उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी एमओएच,परवाणू सहायक आयुक्त को एवं सम्बंधित विभागों को भेजी जा चुकी है।वहीं,परवाणू ईएसआई चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ ज्योति कपिल ने बताया कि मांगलवार को लगभग 40 नये मामले निकल आए हैं।उन्होंने कहा कि काफी लोग ठीक भी हो रहे हैं और अस्पताल प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ मरीज़ों की स्थिति पर ध्यान दे रहा है।