आवाज़ ए हिमाचल
पठानकोट, 27 जून। पंजाब के जिला पठानकोट में मीरथल आर्मी कैंप में सेना के एक जवान ने अपने ही दो साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से आरोपी लोकेश फरार हो गया। रविवार रात करीब ढाई बजे हुई घटना के बाद सैन्य छवनी में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने आरोपी सिपाही पर हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के जिला हुबली, नीर बोएपुर निवासी हवलदार गौरी शंकर हट्टी और महाराष्ट्र के जिला लातूर, बड़ेगांव निवासी तेलांगी सूर्याकांत शेशीराव के तौर पर हुई है। आरोपी गार्ड मैन सिपाही लोकेश कुमार ध्रुव छत्तीसगढ़ के जिला बलौदा बजार, गांव गदीदां का रहने वाला है।
सेना ने नंगल भूर पुलिस थाने में घटना की जानकारी दी है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया है। सेना की ओर से फिलहाल आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस को दिए बयान में नायक पन्नी राजू ने बताया कि हवलदार गौरी शंकर, तेलांगी सूर्याकांत और आरोपी लोकेश कुमार उनके साथ एक ही बैरक में रहते हैं। एक समय में 3/3 जवान डयूटी पर रहते हैं। रविवार-सोमवार की रात करीब एक बजे वह डयूटी पर थे।
आरोपी लोकेश बैरक के बाहर निगरानी पर था। रात करीब 2 बजे वह हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर के साथ अपनी बैरक में पहुंचे और सो गए। अचानक ढाई बजे गोलियों की आवाज आई। उसने देखा कि लोकेश के हाथ में इंसास राइफल थी। वहीं, पास में हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर खून से लथपथ तड़प रहे थे। इसी दौरान बाकी जवान भी उठ गए तो आरोपी राइफल छोड़कर भाग खड़ा हुआ। उन्होंने घायलों को मिलिट्री अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने दोनों के शवों का सोमवार को पोस्टमार्टम करवाया।
4 महीने पहले अमृतसर के BSF हेड-क्वार्टर में भी हुई थी घटना
तकरीबन चार महीने पहले ऐसी ही घटना पंजाब के अमृतसर जिले में BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) हेड-क्वार्टर खासा में हुई थी। BSF के कांस्टेबल सत्यप्पा एसके ने मेस में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थी। फायरिंग में 4 जवानों की मौत हो गई थी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। फायरिंग करने वाले सत्यप्पा ने बाद में खुद को भी गोली मार ली थी। जांच में स्पष्ट हुआ था कि कॉन्स्टबेल सत्यप्पा एसके मानसिक परेशानी से जूझ रहा था और उसके बैग से डिप्रेशन की गोलियां भी मिली थी।