- बोले- मल्टीपल खेल ग्राउंड के चलते क्रिकेट मैदान को किया जा रहा खत्म
आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। नूरपुर का चौगान मैदान दशकों से राजनीति का शिकार होता आ रहा है।कई सरकारें आई और कई गई और सरकारों के आने-जाने से इसका भविष्य भी बदलता रहा।कभी भारतीय सेना का पड़ाव रहा यह मैदान कभी युवा खेल विभाग के अंतर्गत गया तो कभी एचपीसी के अधीन हुआ।लेकिन पिछले कुछ सालों से उसे फिर से खेल विभाग के अधीन लाया गया और भाजपा सरकार में खेल युवा सेवाएं एवम वनमंत्री रहे राकेश पठानिया ने इस मैदान को बहुद्देश्यीय खेल मैदान के रूप में विकसित करने का मसौदा रखा।इसके लिए करोड़ों का बजट मंजूर करवाया गया जिसके तहत आज इस मैदान में अटल बहुद्देश्यीय इंडोर खेल परिसर बनकर तैयार हो चुका है और बचे हुए मैदान में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है, जहां इस इंडोर स्टेडियम और सिंथेटिक ट्रैक बनने से एक वर्ग में प्रसन्नता है तो दूसरी तरफ क्रिकेट खिलाड़ियों और प्रशंसको में इसे लेकर रोष है। इनकी माने तो नूरपुर शहर का यह एकमात्र ऐसा मैदान था जहां पूरा वर्ष कभी क्रिकेट प्रतियोगिता चली रहती थी। इस मैदान में ना केवल नूरपुर शहर की बल्कि आसपास की विधानसभा की क्रिकेट टीमें भी खेलने आती थी।लेकिन अब इस मैदान में सिंथेटिक ट्रैक बनने जा रहा है जिस कारण क्रिकेट मैदान का अस्तित्व खत्म हो गया है।
इन क्रिकेट खिलाड़ियों की माने तो खेल गतिबिधियों को बढ़ाने के लिए बहुद्देश्यीय इंडोर स्टेडियम और सिथेंटिक ट्रैक बनना अच्छी पहल है लेकिन इसे उस कीमत पर ना बनाया जाए जहां क्रिकेट जैसे एक खेल को दरकिनार कर दिया जाए।क्रिकेट प्रेमी पंकज कौशल और कमल सिंह ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस सिंथेटिक ट्रैक की ड्राइंग में तब्दीली की जाए जिसके क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए भी मैदान उपलब्ध हो सके।उन्होंने कहा कि जो युवा क्रिकेट में अपना भविष्य तलाश रहा है उसके लिए तो क्रिकेट मैदान खत्म होने से उसका भविष्य भी खत्म हो जाता है।खैर अब यह शासन-प्रशासन पर निर्भर करता है कि उन पर इन क्रिकेट खिलाड़ियों की गुहार का कोई असर होता है या नहीं।